कम हो रही दूरियां,बढ़ रहा प्यार; 2022 में फिर से एक दिखेगा मुलायम का परिवार
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को मीडिया पर दिए गए बयान में कहा कि समाजवादी पार्टी यूपी में अकेले काम कर रही है। कभी-कभी लगता है कि कांग्रेस और भाजपा का रास्ता एक जैसा है। भाजपा की सरकार हटे और नई सरकार बने, यूपी में अब समाजवादियों का यही लक्ष्य है।
अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं उन्हें खाना खिला रहे हैं। उन्हे खुशी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हीं अस्पतालों में जा रहे हैं जो समाजवादी सरकार ने बनाए थे। आज वही एंबुलेंस काम आ रही है जो हमारी सरकार ने दी थी। सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों में फूल बरसाए लेकिन सैफई व आजमगढ़ के अस्पतालों को क्यों छोड़ दिया गया?
समाजवादी पार्टी से बगावत कर अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बना लेने वाले पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए दी गई याचिका को सपा ने वापस ले लिया है। सपा के आग्रह पर विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने गुरुवार को शिवपाल की सदस्यता समाप्त करने के लिए दी गई याचिका को वापस कर दिया है।
मुलायम परिवार में आंतरिक कलह के चलते सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी का गठन किया था। इस पर सपा के दल नेता रामगोविंद चौधरी ने चार सितंबर, 2019 को दल परिर्वतन के आधार पर शिवपाल यादव की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने की याचिका दायर की गयी थी।
शिवपाल सिंह समाजवादी पार्टी से इटावा के जसवंतनगर से विधायक हैं। जसवंतनगर से मुलायम सिंह यादव विधायक हुआ करते थे, उनके लोकसभा सदस्य बनने के बाद से शिवपाल सिंह यादव 1996 से वहां से लगातार विधानसभा सदस्य हैं।
अब अखिलेश ने भी ये साफ़ कर दिया है आगामी विधानसभा चुनाव में चाचा शिवपाल के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जा सकता है। यही नही शिवपाल के साथ जसवन्तनगर की सीट अपर समझौता करने का भी संकेत अखिलेश यादव ने दे दिया है।