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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का ऐसे हो रहा सर्वेक्षण,जानिए कब तक पूरा होगा काम,दिल्ली-वाराणसी के बीच ये होंगे स्टेशन
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इन प्रमुख शहरों को जोड़ा जाना है
नई दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड कारिडोर के तहत प्रस्तावित 861 किलोमीटर दूरी में नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी और अयोध्या जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ा जाना है।
(प्रतीकात्मक फोटो)
तीन घंटों में तय होगा 930 किलोमीटर का सफर
men 2030 तक दिल्ली-वाराणसी-अयोध्या रूट पर हाई स्पीड ट्रेन शुरू हो सकती है। ऐसे में 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौडने वाली हाईस्पीड बुलेट ट्रेन दिल्ली से अयोध्या के बीच के 930 किलोमीटर के फासले को 3-4 घंटे में तय कर लेगी।
(प्रतीकात्मक फोटो)
तीन चरणों में होगा ये काम
ट्रैक बनाने में किसानों की ज्यादा भूमि नहीं लेनी पड़े, इसीलिए एलीवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। पहले चरण में दिल्ली से आगरा, दूसरे चरण में आगरा से लखनऊ और तीसरे चरण में लखनऊ से वाराणसी तक रेलवे ट्रैक बनेगा। यह ट्रैक आधुनिक सुरक्षा और संरक्षा के संसाधनों से लैस होगा।
(प्रतीकात्मक फोटो)
इस तरह बनाए जाएंगे बुलेट ट्रेन के लिए ट्रैक
बुलेट ट्रेन के लिए जमीन से करीब 10 मीटर ऊंचा ट्रैक बनाया जाएगा। कृषि भूमि पर मौजूदा सर्किल रेट से चार गुना और आबादी क्षेत्र में दोगुना मुआवजा नियमानुसार दिया जाएगा। खबर है कि बुलेट ट्रेन चलाने को ली जाने वाली जमीन के लिए प्रोजेक्ट के अधिकारियों और किसानों के बीच समन्वय बैठक हो चुकी है। किसानों की ओर से किसी भी तरह की नकारात्मक प्रक्रिया नहीं आई हैं।
(प्रतीकात्मक फोटो)
सुरंग से भी होकर गुजरेगी बुलेट ट्रेन
दिल्ली से वाराणसी तक बुलेट ट्रेन जमीन के साथ ही सुरंग और एलिवेटेड ट्रैक से भी गुजरेगी। लाइट डिटेक्शन एंड रेजिंग सर्वे (लिडार) तकनीक से नई दिल्ली-वाराणसी नेशनल हाई स्पीड रेल कारिडोर का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। अब टेंडर सहित अन्य प्रक्रियाओं की तैयारियों में नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के अधिकारियों की टीम जुटी है।
(प्रतीकात्मक फोटो)