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सफल हो गया सीएम योगी का श्रमिकों को रोजगार देने का मास्टर प्लान, उद्यमियों ने मांगे 5 लाख कामगार
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गौरतलब है कि कोरोना के चलते पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है। जिसकी वजह से लगभग सभी उद्योग-धंधे बंद हैं। यूपी के प्रवासी मजदूरों व कामगारों को जब रोजी-रोटी का संकट शुरू हुआ तो वह अपने घरों को चल पड़े। सरकार ने भी श्रमिक एक्सप्रेस चलवाकर उनकी घर वापसी में काफी मदद की।
योगी सरकार ने इन्हें वापस लाने के साथ ही इन्हें प्रदेश में ही रोजगार भी मुहैया करवाने की योजना पर काम किया। इसके लिए सीएम योगी के निर्देश पर एक स्किल मैपिंग डेटाबैंक तैयार किया गया।
स्किल मैपिंग डेटा बैंक बनाने के साथ ही सीएम योगी ने प्रदेश में औद्योगिक संस्थानों का सर्वे और मैपिंग कार्य शुरू कराया था। इसके तहत हर औद्योगिक संस्थान में रोजगार की गुंजाइश तलाशी गई ।
पिछले दिनों सीएम योगी ने निर्देश दिए कि हर औद्योगिक इकाई में मैन पावर स्ट्रेंथनिंग कराई जाए और कम से एक 1 से लेकर 10 श्रमिकों के लिए हर औद्योगिक इकाई में जगह बनाएं। टीम-11 की बैठक में सीएम योगी श्रमिकों और कामगारों के लिए रोजगार का खाका तैयार कर रहे हैं।
हर इकाई से सरकार स्क्लिड और नान स्किल्ड मैन पावर की डिमांड मांग रही है। इसके साथ ही उद्योगों को हर तरह की मदद देने में सीएम योगी खुद जुटे हैं। उन्होंने अधिकारियों को सीधा निर्देश दिया है कि औद्योगिक संस्थानों में तेजी से काम शुरू कराएं। सप्लाई चेन क्लियर कराने और बाकी सरकारी सहूलियतों में उद्यमियों को पूरा सहयोग दें। उद्योगों को चलाने में मदद देने के साथ ही सरकार हर छोटी और बड़ी सभी उद्यम इकाई से मैन पावर की डिमांड भी मांग रही है।
इसके अलावा सरकार औद्योगिक इकाईयों में श्रमिकों और कामगारों के लिए अप्रेंटिस और ट्रेनिंग का भी इंतजाम कर रही है। अप्रेंटिस के दौरान सरकार और औद्योगिक समूहों से अप्रेंटिस भत्ता दिलाने की भी योजना है।अभी तक पांच लाख कामगारों और श्रमिकों की पहली मांग आई है।