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कुछ ऐसी है संजय गांधी की लव स्टोरी, 10 साल छोटी मेनका को एक विज्ञापन में देखकर हो गए थे फिदा
लखनऊ(उत्तर प्रदेश). भारतीय राजनीति पर गांधी परिवार का शुरू से ही वर्चस्व रहा है। इस परिवार से राहुल गांधी के परनाना जवाहर लाल नेहरू से लेकर दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी तक देश के प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं। एक समय था जब राजीव गांधी के छोटे भाई संजय गांधी का कद भारत की राजनीति में बहुत तेजी से उभरा था। देखते ही देखते संजय बेहद लोकप्रिय हो गए थे। उन्होंने 1974 में राजनीतिक करियर शुरू किया था। आज संजय गांधी का जन्मदिन है। इस मौके पर बता रहे हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी रोचक बातों के बारे में जो अपनी उम्र से 10 साल छोटी मॉडल मेनका गांधी को पहली ही मुलाकात में दिल दे बैठे थे। देखिए तस्वीरें और पढ़िए दिलचस्प लव स्टोरी...
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दरअसल. संजय गांधी का जन्म 1946 में 14 दिसंबर को हुआ था। उन्होंने देहरादून के दून स्कूल से पढ़ाई के बाद इंजीनियरिंग की थी। इसके बाद उन्होंने हवाई जहाज उड़ाने के लिए पायलट का लाइसेंस भी लिया। फिर इंग्लैंड में रोल्स रॉयस कंपनी में नौकरी भी की। 1974 में संजय गांधी ने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। देखते ही देखते वह कम समय में भारतीय राजनीति में बहुत लोकप्रिय हो गए।
बता दें कि संजय गांधी ने लव मैरिज की थी, एक पार्टी के दौरान उनकी मुलाकात मेनका से हुई थी। पहले दोनों की दोस्ती हुई और मुलाकातें होने लगीं। इसके बाद फोन पर वह घंटों बातें करने लगे। उस वक्त मेनका मॉडलिंग में अपना करियर बना रहीं थीं। दोनों एक-दूसरे के साथ शादी करना चहाते थे, लेकिन बताया जाता है कि संजय की मां इंदिरा गांधी को ये रिश्ता पसंद नहीं था।
आखिरकार 1974 में दोनों की सगाई हुई और कुछ महीने बाद इसी साल उनकी शादी हो गई। जिस वक्त मेनका विवाह के बंधन में बंधी थीं उस दौरान उनकी उम्र महज 18 साल थी और संजय उनसे करीब 10 साल बड़े थे। बता दें कि मेनका के कजिन वीनू कपूर संजय के दोस्त थे, जिससे यह रिश्ता और आसान हो गया।
मॉडलिंग में करियर बनाने वाली मेनका कॉलेज के दिनों बेहद खूबसूरत थीं, इसी वजह से उन्हें 1973 में दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में 'मिस लेडी' चुना गया था। उनके पास मॉडलिंग के भी ऑफर आने लगे। देखते ही देखते लोकप्रियता बढ़ने लगी । दिल्ली से लेकर मुंबई तक उनके विज्ञापन के होर्डिंग्स लगने लगे। बताया जाता है कि इसी इसी विज्ञापन को देखकर संजय गांधी को उनसे प्यार हुआ था। मेनका के पिता कर्नल आनंद फौज में थे।
शादी के बाद सब कुछ अच्छा चल रहा था। लेकिन अचानक 1980 हवाई दुर्घटना में संजय की मौत हो गई। उस वक्त वरुण गांधी मात्र 3 महीने के थे। इस घटना ने मेनका को तोड़कर रख दिया था।
दोनों अपने-अपने करियर को संवारने में लगे थे। संजय राजनीति की तरफ अग्रसर हो चुके थे। तो राजनीतिक दौरों पर मेनका भी उनके साथ जाती थीं। फिर अचानक 1980 हवाई दुर्घटना में संजय की मौत हो गई। उस वक्त वरुण गांधी मात्र 3 महीने के थे। इस घटना ने मेनका को तोड़कर रख दिया था।
बताया जाता है कि जब संजय गांधी राजनीति में थे उस दौरान मेनका उनके साथ रैलियों में जाया करती थीं। उस दौरान वह मीडिया में सुर्खियां बनी रहती थीं। मेनका आज बीजेपी की कद्दावर नेताओं में से एक हैं और कैबिनेट में मंत्री भी हैं।