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​2 Km दूर से ही बटन दबाते डिफ्यूज हो जाएगा बम...ऐसे हैं भारत के ये 11 जंगी हथियार

लखनऊ (Uttar Pradesh). यूपी की राजधानी लखनऊ में 5 फरवरी से शुरू हुए 11वें डिफेंस एक्सपो 9 फरवरी तक चलेगा। इसमें 70 देशों की रक्षा उपकरण बनाने वाली 172 और भारत की 857 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। भारत ने इस एक्सपो के जरिए दुनिया को अपनी युद्ध शक्ति का एहसास कराया है। ऐसे हथियारों को पेश किया गया है जोकि पलक झपकते दुश्मन को खत्म कर सकते हैं। आज हम आपको एक्सपो में पेश किए गए भारत के कुछ ऐसे ही जंगी हथियारों के बारे में बताने जा रहे हैं।

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Asianet News Hindi
Published : Feb 06 2020, 06:23 PM IST| Updated : Feb 06 2020, 09:01 PM IST
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ब्रह्मोस मिसाइल: ये दुनिया की इकलौती सुपरसोनिक मिसाइल है, जो सबमरीन, युद्धपोत, लड़ाकू विमान और जमीन पर लांचिंग पैड से फायर की जा सकती है। मेक इन इंडिया के तहत भारत ने रूस के साथ मिलकर इसे डेवलप किया है।
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टायफून: इजरायल में बना ये हथियार दिन और रात दोनों समय बराबर निशाना लगाता है। यह गोलियों के साथ गोले भी दागता है। इसका ग्रेनेड लॉन्चर 230 राउंड गोलियां और लॉन्चर चला सकता है।
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टारपीडो लांचर: यह बहुत हल्का टारपीडो लांचर है। इसका इस्तेमाल समुद्र में देश की सीमा के अंदर घुसपैठ करने वाली पनडुब्बी को नष्ट करने में होता है। इसका डिस्ट्रोएस, फ्रिगेट्स, करवेट्स जैसी जंगी समुंद्री जहाज के खिलाफ होता हैं। लाइट वेट टारपीडो लांचर का वजन 3100 किलोग्राम है। इसका रेंज 6 किलो मीटर है। यह पानी के अंदर 500 मीटर गहराई तक अपने लक्ष्य को मार कर सकता हैं।
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एएसडब्ल्यू रॉकेट: इसका इस्तेमाल पनडुब्बी और जंगी जहाजों के खिलाफ होता है। 5 किलोमीटर दूरी तक निशाना लगाने की क्षमता वाले इस रॉकेट के जरिए पांच मीटर गहराई तक मार की जा सकता हैं। रॉकेट लांचर में यह ऑटोमेटिक लोड होता हैं। इसमें 12 रॉकेट एक के बाद एक करके तेजी से फायर किए जा सकते हैं।
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धनुष: 155/45 एमएम अल्ट्रालाइट होवित्जर आर्टिलरी गन एक मिनट में 38 किलामीटर तक चार राउंड फायर कर सकती है।
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K-9 वज्र: यह मेक इन इंडिया सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टीलरी गन है। टैंक की तरह ये जंग के मैदान में जा सकती हैं। इसकी टॉप स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटा है। 155 एमएम की इस गन से अलग-अलग गोले और मिसाइल दागे जा सकते हैं। इसका रेंज 38 किलोमीटर हैं। सिस्टम ट्रैक होने पर गन से फायर करने के बाद यह स्थान बदल लेता है, जिससे दुश्मन की रेंज में न आए और उनके हमले से बच सके।
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पेट्रोलिंग वेसेल: यह समुद्र में इकोनोमिक जोन में एंटी स्मगलिंग, कोस्टल क्षेत्र की निगरानी, मछुआरों की सुरक्षा में भारत को मजबूती देता है। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड विशाखापट्टनम का ये हथियार पानी में 5 मीटर की गहराई तक उतरकर पेट्रोलिंग करने में सक्षम है।
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अर्जुन टैंक: डीआरडीओ ने स्वदेशी टेक्नॉलजी से चार क्रू वाले अर्जुन टैंक को तैयार किया है। यह अधिकतम 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। इसकी 120 एमएम गन एक मिनट में 6 राउंड तक फायर कर सकती है।
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माइन प्रोटेक्ट व्हीकल: भारतीय आयुध बोर्ड ने बारूदी सुरंगों से निपटने के लिए माइन प्रोटेक्टेट व्हीकल बनाया है। इसपर जमीन के नीचे बीछे माइन का कोई असर नहीं होगा।
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रिप मूग वेपन: ब्रिटेन का यह वेनप दुश्मन पर 360 डिग्री गोलीबारी कर सकता है। इस 12.7 एमएम की गन को 360 डिग्री तक घुमाया जा सकता है।
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दक्ष डिफ्यूजर: रिमोट का बटन दबाते ही यह बम में कई छेद कर उसकी क्षमता को घटा ​देता है। इसके बाद बम को डिफ्यूज कर उठाकर दूर ले जाता है। 2 किलोमीटर दूर से इसे ​रिमोट से चलाया जा सकता है। यानी 2 किलोमीटर दूर बैठकर कोई बम को डिफ्यूज किया जा सकता है।

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