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लॉकडाउन तोड़ने पर विधायक गिरफ्तार, सरकार ने कहा- नहीं दी कोई अनुमति, चल रहा पत्नी के मर्डर का केस
लखनऊ (Uttar Pradesh)। महराजगंज के नौतनवां से विधायक अमनमणि त्रिपाठी की मुश्किलें फिर बढ़ने लगी है। पत्नी की हत्या के मामले में सीबीआई की जांच झेल रहे इस निर्दलीय विधायक फ्रॉड का आरोप लग रहा है। बता दें कि विधायक सहित 10 लोगों को लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में ऋषिकेश में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उनको जमानत कर रिहा किया गया है। वहीं, अब यूपी सरकार ने सीएम योगी आदित्यनाथ के स्वर्गीय पिता आनंद सिंह बिष्ट के नाम पर कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में भी केदारनाथ तथा ब्रद्रीनाथ तक का पास एलॉट कराने वाले अमनमणि त्रिपाठी से किनारा कर लिया है। खुद सीएम ने मामले की जानकारी होने पर पत्र जारी कर मामले से पल्ला झाड़ लिया है।
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महराजगंज के नौतनवां से विधायक अमनमणि त्रिपाठी को पर पहले ही पत्नी की हत्या करने का आरोप है। साथ ही विधायक पर अपहरण के भी मामले दर्ज हैं।
विधायक के पिता पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी व मां मधुमणि 2003 में लखनऊ में कवियित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास में जेल में बंद हैं।
अब विधायक अमनमणि त्रिपाठी को दस अन्य लोगों के साथ लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में रविवार रात ऋषिकेश में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उनको जमानत कर रिहा किया गया है।
विधायक के बारे में यह जानकारी लखनऊ आने पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने तत्काल ही एक पत्र जारी कर अमनमणि के मामले से पल्ला झाड़ लिया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के भाई महेंद्र ने किसी भी पितृ कार्य से इंकार किया है। जिसके बाद विधायक व उनके 10 अन्य साथियों के खिलाफ उत्तराखंड के टिहरी जिले के मुनीकीरेती थाने में महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
इससे पहले रविवार को विधायक अमनमणि त्रिपाठी और दस सहयोगियों को लॉकडाउन प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के कारण ऋषिकेश में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद सभी को जमानत पर छोड़ दिया गया।
सीएंम के भाई महेंद्र ने किसी भी तरह के पितृ कार्य को नकारा है। पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट की अस्थियों को प्रवाहित किया जा चुका है।
भाजपा के प्रदेश प्रवकता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि विधायक अमनमणि त्रिपाठी के मामले में दोनों राज्य सरकार अब जांच भी कराएंगी। इस बीच आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश व देहरादून के अपर जिलाधिकारी पर कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है।
विधायक को जारी पत्र के अनुसार, उन्हें दो मई से सात मई तक यात्रा करने का पास दिया गया था। कार्यक्रम के अनुसार, दो मई को देहरादून से श्रीनगर पहुंचना था, लेकिन वे गौचर पहुंच गए। इसी तरह तीन मई को बद्रीनाथ, पांच को केदारनाथ व सात मई को वापस लौटना था।