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क्या यूपी की सियासत में हाथ आजमाने जा रही है लालू यादव की बेटी राजलक्ष्मी? मुलायम के पोते से हुई है शादी
लखनऊ(Uttar Pradesh). लालू यादव की बेटी राजलक्ष्मी यादव अब अहीर रेजिमेंट की मांग के समर्थन में उतर गयी हैं। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के पौत्र पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव की पत्नी राजलक्ष्मी ने इस मसले में कूद कर राजनैतिक सरगर्मियां बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि बीते लोकसभा चुनाव 2019 में भी सपा ने अपने घोषणापत्र में अहीर रेजीमेंट बनाने की बात कही थी। ऐसे में राजलक्ष्मी द्वारा अचानक इस तरह की बात कहने से सूबे की सियासत में राजलक्ष्मी की इंट्री होने की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी से आने वाले समय में राजलक्ष्मी भी हाथ आजमा सकती हैं ।
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बिहार और यूपी के दो बड़े राजनीतिक रसूख रखने वाले परिवार से संबंध रखने वाली राजलक्ष्मी यादव ने ट्वीट कर सेना में अहीर रेजीमेंट बनाने की मांग कर दी है । राजलक्ष्मी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की बेटी हैं वहीं यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के परिवार की बहू हैं।
सोशल मीडिया में 'अहीर रेजिमेंट हक है हमारा' के समर्थन में राजलक्ष्मी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'अहीर रेजिमेंट की बात जातिवाद है ही नहीं। अहीर रेजिमेंट के अलावा भी कई जातीय रेजिमेंट हैं। ऐसे में अहीर रेजिमेंट जातिवाद कैसे? सरकार को चाहिए कि वो या तो अहीर रेजिमेंट बना दे या फिर सारे जातीय रेजिमेंट भंग करे।
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के घोषणापत्र में अखिलेश यादव ने अहीर रेजिमेंट बनाने की बात कही थी। यादव समाज के लोगों की मांग है कि देश के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले वीर अहीर सैनिकों के सम्मान में अहीर रेजिमेंट का गठन किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि मुलायम की बड़ी बड़ी बहू व पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव पहले ही राजनीति में हैं। वह कन्नौज से सांसद भी रह चुकी हैं।
मुलायम की पौत्रवधू राजलक्ष्मी के इस बयान के बाद कई राजनैतिक जानकारों ने ने ये कहना शुरू कर दिया है कि मुलायम परिवार की एक और बहू जल्द ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में आने वाली है।
राजलक्ष्मी यादव के सोशल मीडिया एकाउंट्स पर तमाम राजनैतिक पोस्ट होना भी इस बात की ओर इशारा करता है। बिहार के बड़े राजनैतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार में जन्मी राजलक्ष्मी के राजनीति में आने की चर्चाएं तेज हैं।
अहीर रेजिमेंट की मांग इससे पहले ऑल इंडिया यादव महासभा ने उठाई थी। यादव समाज का कहना है कि 1962 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों में 112 यादव सैनिक थे। इसलिए इनके सम्मान में अहीर रेजिमेंट बनाई जानी चाहिए।
भारतीय सेना में मौजूद राजपूत रेजिमेंट, जाट रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट, की तर्ज पर अहीर रेजिमेंट की मांग की जा रही है। हालांकि केन्द्र सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि अब किसी भी जाति के नाम पर कोई रेजिमेंट का गठन नहीं किया जाएगा।