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यहां कोरोना के साथ नई बीमारियों का कहर शुरू, एक ही हॉस्पिटल में 9 लोगों की मौत
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प्रयागराज जिले में तीन नए कोरोना संक्रमित युवक मिले हैं। अब कुल संक्रमितों की संख्या 4 हो गई है। हालांकि इनमें पहला संक्रमित युवक ठीक हो गया है।
दूसरी ओर नई बीमारियों से एसआरएन में पिछले कुछ दिनों में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में सबसे ज्यादा मरीज सांस में तकलीफ के थे। डॉक्टर इसकी वजह बदलते मौसम के साथ क्रॉनिक बीमारियों को मान रहे हैं।
एसआरएन में मरने वालों में सबसे ज्यादा मरीज सांस में तकलीफ के थे। कोरोना के नोडल ऑफिसर डॉ. सुजीत कुमार कहते हैं कि बदलते मौसम की वजह से सांस या दमा रोगियों में एलर्जी होने से परेशानी बढ़ी है।
सांस लेने में तकलीफ होने पर कई मरीजों को भर्ती किया गया। इनकी कोरोना की कराई गई जांच निगेटिव आई लेकिन उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होने से बचाना मुश्किल हो गया।
इनमें एक मरीज कैंसर का था जबकि, एक गर्भवती महिला की मौत हृदयघात से हुई। इसके पहले एक महिला अपने तीन माह के बच्चे को समय पर अस्पताल लेकर नहीं पहुंच सकी। इससे उसकी मौत हुई।
ग्रामीण इलाकों में भी इसी तरह के कई मामले सामने आएं हैं। कोरावं में मुंबई से आए एक युवक की मौत हो गई थी, जबकि मउआइमा में भी एक युवक ने काम करते समय दम तोड़ दिया। घर वालों ने सांस लेने में तकलीफ होना बताया। ऐसे लोग अस्पताल तक पहुंच ही नहीं सके।
प्रशासन की ओर से बीमार लोगों को अस्पताल जाने की छूट है लेकिन लॉकडाउन से लोग अस्पताल जाने से कतरा रहे हैं। जब हालत गंभीर हो जाती है तब अस्पताल पहुंचते हैं।
कोरोना के नोडल ऑफिसर डॉ. सुजीत कुमार कहते हैं कि बदलते मौसम की वजह से सांस या दमा रोगियों में एलर्जी होने से परेशानी बढ़ी है। सांस लेने में तकलीफ होने पर कई मरीजों को भर्ती किया गया। इनकी कोरोना की जांच निगेटिव आई। लेकिन, उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होने से बचाना मुश्किल हो गया।
बता दें कि प्रयागराज शहर के कुछ निजी अस्पतालों में लॉकडाउन से इमरजेंसी सेवाएं संचालित हैं, लेकिन वहां से रेफर होकर मरीज एसआरएन चिकित्सालय ही आ रहे हैं।
एसआरएन के एसआईसी डॉ. एके श्रीवास्तव कहते हैं कि जो गंभीर हैं, उसे एडमिट कर इलाज किया जा रहा है। मरीजों को बेहतर देखभाल के लिए सभी विभागों की एक कमेटी भी बना दी गई है। कई ऐसे मरीज होते हैं जो गंभीर होते हैं, इलाज किया जाता है लेकिन वे बच नहीं पाते हैं।