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विकास दुबे की पत्नी और बेटे को पुलिस ने छोड़ा, कहा- वारदात में नहीं थी कोई भूमिका
लखनऊ(Uttar Pradesh). कानपुर पुलिस को मिली तो कानपुर पुलिस ने एक दिन पूर्व पकड़ी गई विकास की पत्नी ऋचा और उसके नाबालिग बेटे शानू को छोड़ दिया है। विकास के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर मिलते ही कानपुर पुलिस ने विकास की पत्नी और उसके नाबालिग बेटे को छोड़ दिया। कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि ऋचा की कोई भूमिका वारदात में नहीं मिली है। वहीं वारदात के समय ऋचा मौके पर मौजूद भी नहीं थी। बता दें कि कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या के मुख्य आरोपी मोस्ट वांटेड विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार सुबह मार गिराया। गुरूवार को उज्जैन में पकड़े जाने के बाद यूपी एसटीएफ उसे लेकर उत्तर प्रदेश आ रही थी। उसी दौरान पुलिस की गाड़ी एक दुर्घटना ग्रस्त हो गई जिसके बाद सिपाही की पिस्टल छीन कर भाग रहा विकास दुबे जवाबी कार्रवाई में मारा गया।
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पुलिस ने लखनऊ के कृष्णानगर इलाके से विकास की पत्नी ऋचा और उसके बेटे शानू को पकड़ा था। पुलिस ने घटना के बाद से ही विकास की पत्नी को तलाशने के लिए कई जिलों की ख़ाक छानी थी। हांलाकि मध्य प्रदेश के उज्जैन में विकास की गिरफ्तारी होने के कुछ घंटे बाद ही उसकी पत्नी और बेटे को पुलिस ने कृष्णानगर से पकड़ लिया था।
बेटे के नाबालिग होने और उसके घुटनों पर बैठे हुए एक तस्वीर वायरल होने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे। इसके बाद कानपुर पुलिस ने साफ किया है कि विकास दुबे की पत्नी ऋचा से पुलिस पूछताछ कर रही थी।
पुलिस ने साफ़ किया कि बेटे को नहीं पकड़ा गया था , वह नाबालिग है, लिहाजा वह अपनी मां के साथ था। बेटे से कोई पूछताछ भी नहीं हुई है, हांलाकि मां बेटे की इस वारदात में कोई भूमिका नहीं है इसलिए उन्हें छोड़ दिया गया है।
2 जुलाई की रात विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर हमला किया था। इस हमले में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
पिछले 8 दिनों में यूपी पुलिस और एसटीएफ ने विकास दुबे समेत उसके 5 खासमख़ास गुर्गों को मार गिराया है। इसके आलावा उसके खास आधा दर्जन लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं।