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राम मंदिर भूमि पूजन: मेहमानों को भेजे गए हैं इस तरह के कार्ड, इकबाल इंसारी को भी मिला न्योता, कही ये बातें
अयोध्या ( Uttar Pradesh) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए करीब 200 लोगों को आमंत्रण पत्र भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक हर कार्ड पर कोडिंग की गई है। साथ ही संबंधित मेहमान की सूची प्रधानमंत्री कार्यालय को भी उपलब्ध कराई गई है। लेकिन, इस बीच सबसे बड़ी खबर ये है कि लंबे समय तक चले मंदिर के भूमि विवाद के केस में मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी भूमि पूजन के लिए निमंत्रण पत्र भेजा गया है। जिन्होंने इस निमंत्रण को स्वीकार करते हुए अयोध्या में पीएम मोदी के स्वागत के लिए विशेष तैयारियां कर रखी हैं। उन्होंने कहा कि वह पीएम मोदी को रामचरित मानस भेंट करना चाहते हैं।
| Published : Aug 03 2020, 01:24 PM IST / Updated: Aug 03 2020, 01:28 PM IST
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अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के भूमिपूजन से पहले तीन दिनों तक चलने वाले अनुष्ठानों की भी शुरुआत हो चुकी है। इस कार्यक्रम के मेहमानों को न्योता भेजा जा चुका है। 5 अगस्त को दोपहर में पीएम मोदी भूमिपूजन में शामिल होंगे। अयोध्या केस में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी भूमि पूजन का आमंत्रण भेजा गया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की तरफ से भेजे गए इस आमंत्रण पत्र में लिखा है- श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन और कार्यारम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर कमलों के द्वारा होगा। विशिष्ट अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहेंगे।
आमंत्रण मिलने के बाद इकबाल अंसारी ने कहा कि मैं कार्यक्रम में जरूर जाऊंगा। उन्होंने कहा कि भगवान राम की मर्जी से हमे न्योता मिला है। अयोध्या में गंगा-जमुनी तहजीब बरकरार है। मैं हमेशा मठ-मंदिरों में जाता रहा हूं। कार्ड मिला है तो जरूर जाऊंगा। भूमिपूजन में पीएम नरेंद्र मोदी को राम चरित मानस और राम नामा भेंट करेंगे।
इकबाल अंसारी मोहम्मद हाशिम अंसारी के बेटे हैं, जो राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद शीर्षक मुकदमे में मूल पक्षकार में से एक थे, जिनकी 2016 में मृत्यु हो गई थी। इकबाल अंसारी ने अपने पिता की मृत्यु के बाद पदभार संभाला था, लेकिन पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जगह पर राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया।
अयोध्या के निवासी अंसारी ने कहा कि वह राम मंदिर निर्माण के विरोध में कोई बात नहीं कहते हैं। हमने 70 साल से अधिक समय तक लड़ाई लड़ी, लेकिन एक बार सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया कि एक मंदिर बनाया जाना चाहिए तो हम कुछ नहीं कर सकते हैं। मैं अयोध्या में रहता हूं, इसलिए मैं यहां एक शांतिपूर्ण अस्तित्व को जारी रखना चाहता हूं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राम मंदिर भूमि पूजन में तीन मुस्लिम नेता को समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है।