- Home
- States
- Uttar Pradesh
- ये कैसी हमदर्दी! जश्न-स्वागत और मुस्कराहट के बीच नरसंहार पीड़ितों से मिलीं प्रियंका गांधी
ये कैसी हमदर्दी! जश्न-स्वागत और मुस्कराहट के बीच नरसंहार पीड़ितों से मिलीं प्रियंका गांधी
| Published : Aug 13 2019, 05:24 PM IST / Updated: Aug 13 2019, 06:06 PM IST
ये कैसी हमदर्दी! जश्न-स्वागत और मुस्कराहट के बीच नरसंहार पीड़ितों से मिलीं प्रियंका गांधी
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
16
सोनभद्र. जमीनी विवाद को लेकर 17 जुलाई को यूपी के सोनभद्र जिले के गांव उभ्भा में 10 निर्दोष आदिवासियों की हत्या कर दी गई थी। मंगलवार को प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने गांव पहुंची थीं। इस दौरान की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिन्हें लेकर राजनीति गर्मा सकती है।
26
जब प्रियंका गांधी विशेष विमान के जरिये वाराणसी से बातपुर एयरपोर्ट पहुंचीं, तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका फूलों से स्वागत किया। उत्साह में उन्हें कैप पहनाई गई। इस दौरान प्रियंका गांधी काफी खुश नजर आईं।
36
प्रियंका हंसते-मुस्कराते कार्यकर्ताओं से मिलीं। इसके बाद वे कार से उभ्भा गांव पहुंचीं। हालांकि यहां के बाद जब वे पीड़ित परिवारों के बीच पहुंचीं, तब एकदम गंभीर दिखाई दीं।
46
जमीन पर बैठकर सुनीं समस्याएं.. प्रियंका गांधी उस जमीन पर भी गईं, जहां यह खूनी संघर्ष हुआ था। वे करीब 100 मीटर तक खेत की मेड़ों पर चलीं। प्रियंका गांधी ने प्राइमरी स्कूल के परिसर में पंडाल के नीचे दरी पर बैठकर पीड़ित परिवारों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने गांववालों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए हैं। पीड़ित महिलाओं तक पर 80-90 गुंडा एक्ट जैसे फर्जी मुकदमे लगा दिए गए हैं। वे हटना चाहिए। प्रियंका गांधी करीब सवा 2 घंटे तक गांव में रहीं। उल्लेखनीय है कि नरसंहार के बाद 19 जुलाई को भी प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात की थी। उन्होंने हरेक पीड़ित परिजन को 10-10 लाख रुपए की मदद की थी।
56
भाजपा ने किया कटाक्ष: प्रियंका गांधी की सोनभद्र यात्रा पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा को पछतावे की भावना के साथ सोनभद्र का दौरा करना चाहिए। क्योंकि यह घटना तत्कालिक कांग्रेस सरकार के भूमि अधिग्रहण से जुड़ी है। उन्होंने प्रियंका गांधी की इस यात्रा को राजनीति स्टंट करार दिया।
66
अब जानें सोनभद्र नरसंहार के बार में: विवाद 90 बीमा जमीन को लेकर है। 17 जुलाई को उभ्भा गांव के प्रधान यज्ञदत्त भूर्तिया भूमि पर कब्जा करने पहुंचे थे। जब आदिवासियों ने इसका विरोध किया, तो उन पर गोलियां बरसाई गईं। लाठियों और अन्य चीजों से भी हमला किया गया। हादसे में 10 आदिवासियों की मौत हो गई थी। इसके बाद क्षेत्र में धारा 144 लागू करनी पड़ी थी। इस मामले की जांच SIT कर रही है। वो तीन महीने में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।