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दिल्ली एनसीआर से सटा है इलाका, पर इस लेडी IAS ने नहीं फैलने दी Corona की महामारी
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पश्चिमी यूपी के ही एक जिले हापुड़ में कोरोना के रोगियों की संख्या पर एकदम से नियंत्रण लगा है। वर्तमान में यहां पर कोरोना के 16 मरीज हैं।नोएडा और मेरठ जैसे हॉटस्पॉट जिलों से जुड़ा होने के बावजूद भी हापुड़ में कोरोना के प्रसार पर रोक लगी है। जिले की डीएम अदिति सिंह को इस रोकथाम के पीछे बड़ी वजह माना जा रहा है। जिले में अभी तक 16 मरीज और 8 हॉटस्पॉट हैं। मरीजों का इलाज चल रहा है और हॉटस्पॉट्स पर खाना, दवाएं सहित अन्य जरूरी चीजें समय से दरवाजे तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।
डीएम अदिति सिंह ने मीडिया को बताया मार्च के दूसरे सप्ताह में जिला प्रशासन को ऐसे लोगों के बारे में जानकारी दी गई जिनकी फॉरेन ट्रैवेल की हिस्ट्री थी। पिछले पांच हफ्तों के दौरान 150 लोगों को ट्रैक किया गया। उनका मेडिकल टीम द्वारा परीक्षण कराकर 14 दिनों तक होम क्वारंटीन में रखा गया।
क्वारंटाइन किए गए लोगों की जानकारी रखने के लिए उनके घर के दरवाजों पर नाम और क्वारंटीन की डेट के साथ नोटिस चिपका दिए गए। जिससे आसपास के लोगों को ये जानकारी रहे कि किस व्यक्ति को क्वारंटीन किया गया है। बीमारी न फैले इसके लिए आसपास के लोगों को क्वारंटाइन किए गए लोगों पर नजर रखने को कहा गया। ये तरकीब बेहद कारगर रही।
क्वारंटाइन किए गए लोग जब भी बाहर निकलने का प्रयास किए आसपास के लोगों ने इसकी सूचना दी। जिससे नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस तरह से दूसरे लोगों ने इससे सबक लिया और ज्यादातर लोग नियम का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं।
पूरे जिले में बाहर से लौटे लोगों की जानकारी के लिए मोबाइल मेडिकल टीम बनाई गईं जो शहरी और ग्रामीण इलाकों में उन लोगों का पता लगा रही थीं जो जिले या राज्य से बाहर की यात्रा करके आए हैं। ऐसे में जानकारी आने के बाद करीब साढ़े 6 हजार लोगों को होम क्वारंटीन किया गया।
डीएम अदिति सिंह के मुताबिक जिले में पाए गए 16 में से 9 पुरुष मरीज दिल्ली में हुए जमात में शामिल हुए थे। इस जमात में शामिल हुए 72 लोगों को ट्रेस किया गया है। इन 72 से मिलने जुलने वाले या उनके परिजनों में 343 लोगों को लोकल प्रशासन के द्वारा ट्रेस किया गया। इन सभी पर निगाह रखी गई। इनमे हाई रिस्क लोगों को हॉस्पिटल के क्वारंटीन में रखा गया और 203 लो रिस्क लोगों को तहसील के क्वारंटीन सेंटरों में रखा गया।
हॉटस्पॉट घोषित किए गए इलाके में जरूरी चीजें पहुंचाने के लिए जिले के सप्लाई ऑफिस, फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट, मेडिकल विभाग की मदद ली जा रही है। मंडी परिषद भी प्रशासन की मदद कर रहा है। करीब 40 राशन डीलर, 173 दूध वाले मोबाइल वैन, ईरिक्शा और ट्रैक्टरों के जरिए सामान लोगों तक पहुंचा रहे हैं।