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कोरोना काल में शुरू हुआ देश का सबसे बड़ा मेला, भीड़ के बीच CM योगी ने गोरखनाथ मंदिर में चढ़ाई खिचड़ी
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में हर बार की तरह इस बार भी खिचड़ी चढ़ाए। बता दें कि मकर संक्रांति के पर्व पर खिचड़ी और गुड़ व तिल के दान का विशेष महत्व है, क्योंकि आज से भगवान भास्कर भी मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण हो जाते हैं। इसलिए आज से अच्छे दिन की शुरुआत होती है। मांगलिक कार्य भी प्रारंभ कर दिए जाते हैं।
गुरु गोरखनाथ मंदिर में देश और प्रदेश के कोने-कोने से आए लाखों श्रद्धालुओं ने गुरु गोरक्षनाथ को आस्था की खिचड़ी चढ़ाई। बताते हैं कि सूर्य के मकर राशि के प्रवेश को मकर संक्रांति कहते हैं।
प्रयागराज में संगम तीरे भोर से ही स्नान ध्यान का दौर चल रहा है। जानकार बताते हैं कि मकर संक्रांति प्रात? सूर्योदय के बाद पुण्यकाल में पवित्र स्थानों पर स्नान दान का महत्व होता है। इस पुण्यकाल में स्नान, सूर्य उपासना , जप , अनुष्ठान, दान-दक्षिणा करते है। काले तिल, गुड़ , खिचड़ी, कंबल व लकड़ी के दान का विशेष महत्व है।
आज के बाद मलमास के कारण रूके हुए मांगलिक कार्य शुरू होंगे। इस बार गुरु शुक्र अस्त के चलते विवाह आदि मांगलिक कार्य अप्रैल से होंगे।
इस बार मेला क्षेत्र 675 हेक्टेयर में बसाया गया है। जिसे 5 सेक्टरों में बांटा गया है। करीब 800 संस्थाओं ने कल्पवास के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। लेकिन, पंडाल लगाने की अनुमति नहीं है। सिर्फ आश्रमों या कल्पवास के लिए पंडाल लगाया गया है।
माघ मेले में इस बार आने वाले कल्पवासियों का डेटाबेस भी तैयार किया जा रहा है। 15-15 दिनों में दो बार रैपिड एंटीजन किट से हर कल्पवासी की कोविड जांच भी कराई जाएगी। इसके अलावा शिविर में अगर एक भी श्रद्धालु की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो सभी लोगों को 15 दिन के लिए आइसोलेट भी किया जाएगा।
वाराणसी में दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, पंचगंगा घाट, असि घाट से लेकर गंगा गोतमी संगम कैथी में भी आस्था का रेला सुबह से ही नजर आया और लोगों ने गंगा स्नान करने के साथ ही दान पुण्य भी किया। वहीं, सुबह बाबा दरबार में भी दर्शन पूजन का दौर चला और खिचड़ी बाबा मंदिर में भी जाकर आस्थावानों ने खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया।