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पुलिस मुठभेड़ में मारा गया विकास दुबे का साथी प्रभात था नाबालिग, बहन ने कहा-निर्दोष था मेरा भाई
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प्रभात की बड़ी बहन हिमांशी ने दावा किया कि उसके पिता कभी विकास के पास नहीं उठते-बैठते थे। हिमांशी ने कहा, 'मेरे परिवार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। भाई को तो पहले ही बिना गलती मार दिया। वह तो नाबालिग था।' तीन-तीन बार घर की तलाशी ली गई घर पर कुछ नहीं मिला।
(प्रभात की बहन हिमांशी)
पुलिस के द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट में प्रभात उर्फ कार्तिकेय की उम्र 20 साल बताई गई थी। दूसरी तरफ मंगलवार को प्रभात उर्फ कार्तिकेय की बहन हिमांशी ने प्रभात की हाईस्कूल परीक्षा यूपी बोर्ड-2018 की मार्कशीट में उसकी जन्मतिथि 27 मई 2004 दर्ज है। उसमें उसका नाम कार्तिकेय पुत्र राजेंद्र कुमार दर्ज है। आधार कार्ड में उसका नाम कार्तिकेय पुत्र राजेंद्र कुमार, पता- ग्राम बिकरू पोस्ट कंजती जिला कानपुर नगर-209204 दर्ज है।
पुलिस की थ्योरी के मुताबिक प्रभात को लेकर आते समय पुलिस की गाड़ी पंक्चर हो गई। एसआई देवेंद्र और सिपाही सुनील कुमार प्रभात को लेकर नीचे उतरे। टायर बदलते समय मौका देखकर प्रभात ने सिपाही सुनील के मुंह पर मुक्का मारा और देवेंद्र की सरकारी पिस्टल छीनकर फायर करते हुए भागा। पीछे से आ रही एसटीएफ ने पीछा किया तो प्रभात ने फायरिंग की।
इसमें एसटीएफ के सिपाही विकास और सुनील घायल हो गए थे, जबकि एसआई अक्षय प्रवीर त्यागी की बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोली लगी थी। जवाबी फायरिंग में प्रभात गोली लगने से जख्मी हुआ था। कल्याणपुर सीएचसी में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। उसके कब्जे से 9 एमएम पिस्टल बरामद हुई थी।
बिकरू कांड के बारे में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया था कि इस मामले में 21 अभियुक्त नामजद थे। इनमें से श्याम दुबे, दयाशंकर अग्निहोत्री और शशिकांत दुबे को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत 6 अभियुक्त एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। 11 अभियुक्तों की तलाश जारी है। चौबेपुर थाने के तत्कालीन इंचार्ज और एसआई के खिलाफ भी केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में जो भी कार्रवाई होगी, नियम और कानून के अनुसार होगी।