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जंगली जानवरों में भी कोरोना फैलने का खतरा, पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बनाया गया रेस्क्यू क्वारंटाइन सेंटर
पीलीभीत (Uttar Pradesh) । कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यूपी सरकार एक के बाद एक निर्णय ले रही है। अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बाघ, तेंदुए और अन्य वन्यजीवों को बचाने के लिए तरह-तरह के कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए हरिपुर नवदिया में टाइगर और तेंदुए के लिए रेक्क्यू क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। बता दें कि यह निर्णय लखीमपुर में कोरोना संक्रमित मरीज पर बाघ के हमले के बाद लिए गए हैं।

लखीमपुर-खीरी में दुधवा के बफर जोन इलाके में बाघ ने खेत पर काम कर रहे युवक पर हमला किया था। जिसका उपचार बाकेगंज सीएचसी हुआ। साथ ही कोरोना टेस्ट में वो पॉजिटिव निकला। इसके बाद अब चिन्ता बाघ की हो रही है। बाघ पर लगातार नजर रखी रही है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल का कहना है कि जंगली जानवरों में खास करके बाघ और तेंदुए के लिए कोरोना वायरस की संभावना को लेकर हरिपुर नवदिया में रेस्क्यू क्वारंटाइन सेंटर बनाया है। इस सेंटर में दो पिंजड़े, दवाइयां, सेनेटाइजर आदि रखा गया है। एक रैपिड एक्शन टीम बनाई गई है, जिसमें 5 लोग एक डॉक्टर के अंडर में काम करेंगे।
(प्रतीकात्मक फोटो)
पीलीभीत टाइगर रिजर्व को आम जनता के लिए अनिश्चितकाल के लिए बंद भी कर दिया गया है, ताकि किसी भी तरीके से पर्यटकों द्वारा वायरस जंगल तक न पहुंच पाए। साथ ही पूरे जंगल में 50 सीसी कैमरे लगाए गए हैं, जो 24 घंटे वीडियो मोड में हैं। इनके द्वारा जंगली जानवरों पर 24 घंटे निगरानी रखी जा सकती है।
(प्रतीकात्मक फोटो)
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल का कहना है कि जंगली जानवरों में खास करके बाघ और तेंदुए के लिए कोरोना वायरस की संभावना को लेकर हरिपुर नवदिया में रेस्क्यू क्वारंटाइन सेंटर बनाया है। इस सेंटर में दो पिंजड़े, दवाइयां, सेनेटाइजर आदि रखा गया है। एक रैपिड एक्शन टीम बनाई गई है, जिसमें 5 लोग एक डॉक्टर के अंडर में काम करेंगे।
(प्रतीकात्मक फोटो)