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अपने गांव पहुंचते ही भावुक महामहिम: प्लेन से उतरते ही चूम ली मिट्टी,बोले-यहीं का लड़का आज राष्ट्रपति
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मातृभूमि को को नमन करने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इमशोनल होते हुए कहा कि 'मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इस गांव का एक साधारण सा बालाक एक दिन बड़ा होकर देश के सबसे बड़े और सर्वोच्च पद पर पहुंचकर दायित्व-निर्वहन का सौभाग्य मिलेगा। लेकिन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था ने यह कर के दिखाया।
बता दें कि राष्ट्रपति बनने के बाद 4 साल में पहली बार वह दिल्ली से कानपुर देहात अपने गांव परौंख पहुंचे हैं। गांव पहुंचते ही उन्होंने अपने संबोधन में कहा-''मेरे लिए परौंख केवल एक गांव नहीं है, यह मेरी मातृभूमि है, मैं कहीं भी रहूं, मेरे गांव की मिट्टी की खुशबू और मेरे गांव के निवासियों की यादें सदैव मेरे हृदय में रहती हैं। यहीं से मुझे आगे बढ़ने और देश सेवा करने की प्रेरणा मिलती हैं।''
कानपुर दौरे का आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीसरा दिन है। उनके पैतृक गांव परौंख दौरे पर सीएम उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साथ थे। गांव पहुंचे राष्ट्रपति ने स्थानीय लोगों के अभिवादन को स्वीकार किया।
राष्ट्रपति अपने गांव में संबोधन के दौरान कहा कि भारतीय संस्कृति में 'मातृ देवो भव', 'पितृ देवो भव', 'आचार्य देवो भव' की शिक्षा दी जाती है। यही शिक्षा हमारे हर घर में दी जाती है। खासकर गांवों में भारत की संस्कृति और बड़ों का सम्मान स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी पैतृक गांव की यात्रा के दौरान पत्नी और बेटी के साथ पथरी देवी मंदिर गए, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की। जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल और सीएम के आदित्यनाथ के साथ परौंख गांव का दौरा किया।
कानपुर दौरे का आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीसरा दिन है। उनके पैतृक गांव परौंख दौरे पर सीएम उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साथ थे। वह 28 जून की सुबह प्रेसिडेंशियल ट्रेन से लखनऊ के लिए रवाना होंगे। लखनऊ में भी राष्ट्रपति के दो दिन के प्रवास का कार्यक्रम है। जिसके बाद वो दिल्ली रवाना होंगे।