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पेट्रोल पर बढ़ सकता है वैट, रोजगार सृजन और निवेश की नई एजेंसी संभालेगी जिम्मेदारी, शराब के दाम पर भी होगी चर्चा
लखनऊ (Uttar Pradesh) । योगी सरकार लॉकडाउन की वजह से बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कुछ अहम फैसला लेने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर आज कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। खबर है कि इस बैठक में पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाने के साथ ही शराब की कीमतों को भी बढ़ाने पर फैसला लिया जा सकता है। रोजगार सृजन और निवेश की जिम्मेदारी नई एजेंसी को दिए जाने पर निर्णय लिया जाएगा। साथ ही लोगों को राहत देने के लिए भी कई घोषणाएं की जा सकती हैं।
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आज दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस कैबिनेट बैठक में वे मंत्री ही शामिल होंगे जिनके विभाग से जुड़े विषय बैठक का हिस्सा होंगे। बाकी मंत्री ऑनलाइन जुड़े रहेंगे. यह बैठक मुख्यमंत्री के सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पर होनी है।
सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक सरकार पेट्रोल की वैट दरों में दो रुपए और डीजल में एक रुपए की वृद्धि कर सकती है। हालांकि वाणिज्यकर विभाग ने पेट्रोल पर 1.26 रुपए से 2.26 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 1.09 रुपए से 2.09 रुपए वृद्धि का प्रस्ताव दिया है।
राजस्व के लिए अहम आबकारी विभाग द्वारा दिए गए सुझाव के तहत 30 से 40 फीसदी कोरोना टैक्स शराब पर लगाया जा सकता है। दिल्ली समेत कई राज्य ऐसा पहले ही कर चुके हैं। अगर आज कैबिनेट में इस पर मुहर लगती है तो यूपी में शराब 30 से 40 फीसदी तक महंगी हो सकती है।
आज होने वाली बैठक में कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा के लिए महामारी एक्ट में संशोधन संबंधी अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी मिल सकती है। इस संशोधन में अगर कोई भी किसी डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ या पुलिसकर्मियों पर हमला करता है तो उसे कठोर सजा देने का प्रावधान किया गया है।
बता दें कि लॉकडाउन की वजह से दस से पंद्रह लाख प्रवासी कामगार और श्रमिक उत्तर प्रदेश लौटे हैं, जिन्हें रोजगार मुहैया कराने का वादा सरकार ने किया है। लिहाजा, इसकी कार्ययोजना बनाने में सरकार जुटी है।
प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने कहा है कि निवेश व रोजगार प्रोत्साहन संस्था गठित करने का निर्णय हुआ है। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि औद्योगिक विकास मंत्री और एमएसएमई व निवेश प्रोत्साहन मंत्री इसमें उपाध्यक्ष की भूमिका में रहेंगे।
संस्था के बोर्ड में संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों के अलावा विभिन्न औद्योगिक व वाणिज्यिक क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल किए जाएंगे। इस संबंध में भारत सरकार की संस्था इनवेस्ट इंडिया द्वारा प्रस्ताव भेजा गया था। उसके सुझावों को शामिल करते हुए इस एजेंसी की स्थापना जल्द ही की जाएगी।