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विकास दुबे ने 19 साल की उम्र में थाने में घुसकर की थी राज्यमंत्री की हत्या, अब 70 क्राइम हिस्ट्रीशीट हो गई बंद
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विकास कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव का रहने वाला था। उसने बदमाशों की गैंग तैयार की और खुद सरगना बन गया था। कानपुर नगर और देहात तक लूट, डकैती और हत्या जैसे अपराधों को अंजाम देता रहा था।
2000 में उसने शिवली के ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या कर दी थी। इसमें उम्रकैद हुई। ऊपरी अदालत से जमानत पर बाहर आया था।
विकास दुबे के आपराधिक रिकार्ड पर नजर करें तो 2001 में शिवली थाने के अंदर घुस कर उसने श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमेन रहे और राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ल की गोली मारकर हत्या कर दी। गवाह नहीं मिले तो विकास बरी हो गया।
2002 में जब प्रदेश में बसपा सरकार थी तो विकास दुबे का खौफ बिल्हौर, शिवराजपुर, रिनयां और चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में भी था।
2004 में केबल कारोबारी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी था। जेल से ही उसने शिवराजपुर से नगर पंचायत का चुनाव जीत लिया था।
2017 में भी लखनऊ में एसटीएफ ने कृष्णा नगर से विकास दुबे को दबोचा था। बाद में वह जेल से बाहर आ गया।
विकास दुबे का ब्राह्मण शिरोमणि पंडित विकास दुबे के नाम से फेसबुक पेज भी है। बताया जाता है कि विकास अपराध के रास्ते पर चलते हुए कुछ नेताओं के संपर्क में भी आया था।
2018 में विकास दुबे ने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था।
बता दें कि अब विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उसके हिस्ट्रीशीटर विकास की क्राइम हिस्ट्रीशीट 'बंद' हो गई। उसपर करीब 70 आपराधिक मामले दर्ज थे।