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अपने ही खोदे गड्ढे में गिरा चीन, संक्रमितों से भरे अस्पताल, शमशान में वेटिंग लिस्ट, महिला ने LIVE दिखाए हालात
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चीन की सिटीजन जर्नलिस्ट ने देश में कोरोना के हालात को कई वीडियोज के जरिये दुनिया के सामने रखा। उसके बाद कुछ समय से उन्होंने कोई भी वीडियो पोस्ट नहीं किया। अब जाकर खबर आ रही है कि उन्हें अरेस्ट कर लिया गया है।
शंघाई में रहने वाली जहांग जहां जिनकी उम्र करीब 40 बताई है को पुलिस ने लोगों को भड़काने और उकसाने के आरोप में अरेस्ट कर लिया। बताया जा रहा है कि जहांग चीन की चौथी जर्नलिस्ट हैं जिन्होंने देश की असलियत दुनिया को दिखाई और फिर गायब हो गई। या फिर उन्हें अरेस्ट कर लिया गया।
जहांग ने यूट्यूब और ट्विटर पर कुछ वीडियोज पोस्ट किये थे। इनमें एक अस्पताल का फुटेज नजर आ रहा है। जिसमें अस्पताल के कॉरिडोर में मरीज पड़े नजर आ रहे हैं। जहां चीन का कहना है कि वहां कोरोना कंट्रोल में है, वहां इन वीडियोज से साफ़ पता चलता है कि अब वहां मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अस्पतालों में जगह नहीं बची है
दूसरे वीडियो में जहांग ने शमशान के हालात दिखाए। देश में कोरोना से हुई मौतों आंकड़ा सरकारी आंकड़ों से काफी ज्यादा है।
शमशान में आधी रात को भी कर्मचारी लाशों को जलाते नजर आए। इससे साफ़ होता है कि चीन दुनिया से अपने हालात छिपाने की कोशिश कर रहा है।
जहांग ने लोगों को उस लैब के फुटेज भी दिखाए, जहां कोरोना बनाए जाने का शक है।
वीडियो में साफ़ दिखा कि इस लैब के चारो तरह बिजली के तार बिछाए गए हैं। साथ ही सिक्युरिटी के लिए आर्मी लगाईं गई है। अब एक लैब की सुरक्षा के लिए आर्मी लगाया जाना नॉर्मल तो नहीं है।
मिस जहांग शांक्सी की रहने वाली है। उन्होंने कई बार चीनी सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। पिछले साल भी उन्होंने चीन के राष्ट्रपति की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई थी।
महिला पत्रकार ने ट्विटर और यूट्यब पर लाइव जाकर वहां के अस्पतालों का हाल दिखाया था। ये तस्वीर चीन के एक अस्पताल में आधी रात की है। इससे साफ़ पता चलता है कि देश में कोरोना का कैसा हाल है?
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, वुहान में कोरोना से अपनों को खोने के बाद परिजनों ने जब सरकार से मदद मांगी तो उन्हें बेइज्जत कर दिया गया।
34 साल के चेन ने भी चीन में कोरोना के हालात दुनिया को दिखाए थे। इसके बाद वो भी गायबी हो गए। चेन बीते 6 फरवरी को आखिरी बार नजर आए थे।
वुहान में रहने वाले फांग बीन भी बीते 9 फरवरी से गायब हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक बस में लाशों को बोरियों में भरकर फेंकते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया था।
इनके अलावा ली जेहुए भी 26 फरवरी से लापता हैं। बताया जा रहा है कि ली ने वुहान लैब में चुपके से एंट्री की थी और उसका वीडियो बनाया था। इस कारण उसे अरेस्ट कर लिया गया था। हालांकि अप्रैल में वो वापस आ गए थे। लेकिन उन्होंने इसके बाद कोई पोस्ट नहीं डाली।
कम्युनिस्ट पार्टी के एक सदस्य रेन झिकियांग ने जिन जिनपिंग की कोरोनोवायरस प्रकोप से निपटने की आलोचना की थी। इसके बाद उनपर 'अनुशासन और कानून के गंभीर उल्लंघन' के संदेह पर जांच की जा रही है।
34 साल के डॉ ली वेनलियानग की मौत फरवरी में कोरोनोवायरस के कारण हुई थी। उन्होंने ही सबसे पहले कोरोना की जानकारी दुनिया को दी थी। लेकिन तब पुलिस ने ली और अन्य मेडिक्स पर फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया था।