मरने से ठीक पहले पॉटी कर गया कोरोना मरीज, उसपर बैठे जिंदा वायरस देख उड़े डॉक्टर्स के होश
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चीन के Guangzhou Medical University की टीम ने कोरोना मरीजों पर एक शोध किया। इसमें पहले अस्पताल में भर्ती एक मरीज की पॉटी को 22 जनवरी से 7 फरवरी तक जमा किया गया। इसके बाद उस मरीज की कोरोना से मौत हो गई।
डॉक्टर्स ने यही प्रोसेस 11 अन्य मरीजों पर भी अपनाया। इस रिसर्च में जो बात सामने आई उसने सभी को हैरान कर दिया।
रिसर्चर्स ने पाया कि कोरोना ना सिर्फ खांसने और छींकने से बल्कि पॉटी से भी फैलता है। यानी बाथरूम में अगर ठीक से फ्लश ना किया जाए, तो कोरोना फैल जाता है।
इस रिसर्च में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई। दरअसल, इंसान के रेस्पिरेटरी ऑर्गन्स में जितने कोरोना वायरस होते उससे कई अधिक गुना ज्यादा वायरस इंसान की पॉटी में पाए जाते हैं।
यूनिवर्सिटी की ये रिसर्च इमर्जिंग इंफेक्शियस डिजीज में पब्लिश की गई। इसमें टीम ने 78 साल के एक मरीज को अपनी स्टडी का आधार बनाया।
शख्स को 17 जनवरी को अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। उस समय बुजुर्ग को सर्दी-खांसी, और हलका बुखार था। पांच दिन के बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया।
रिसर्च के दौरान टीम ने शख्स की पॉटी को कलेक्ट किया। 20 फरवरी को उसकी मौत हो गई। लेकिन रिसर्चर्स ने पाया कि उसके पॉटी में काफी मात्रा में कोरोना वायरस था। यानी बेहद आसानी से इससे वायरस फ़ैल सकता है।
इसके बाद 27 अन्य मरीजों के सैंपल भी लिए गए। ताकि ये कन्फर्म हो पाए कि पॉटी में वायरस रहता है या नहीं। इन सभी मरीजों के पॉटी में भी वायरस मिला। वो भी काफी ज्यादा अमाउंट में।
इस रिसर्च के बाद डॉक्टर्स सहित पूरी दुनिया काफी परेशान है। मास्क लगाकर तो कोरोना से बचा जा सकता है लेकिन अब इस नए शोध के बाद दुनिया काफी परेशान है।