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अब अर्थी पर चढ़कर आएंगी कुत्ते-बिल्लियों की लाशें, शमशान घाट पर पुजारी मंत्रो के साथ करेंगे अंतिम संस्कार
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भारत में कई लोग अपने घरों में जानवरों को पालते हैं। वो परिवार का हिस्सा ही बन जाते हैं। लेकिन जब बीमारी या बूढ़े होने पर जानवरों की मौत हो जाती है तो कुछ लोग या तो उन्हें फेंक देते हैं या कुछ जमीन में दफना देते हैं। ऐसे में अब दिल्ली के द्वारका नगर निगम ने जानवरों के लिए शमशान घाट बनाने का फैसला किया है।
ये शमशान घाट भारत में अपनी तरह का पहला शमशान होगा। यहां इंसानों की नहीं, बल्कि जानवरों की अर्थी जलाई जाएगी। लोग अपने पालतू जानवरों को यहां मौत के बाद ला सकते हैं, जहां पुजारी मन्त्रों के साथ जानवरों का अंतिम संस्कार करेंगे।
ये शमशान घाट 700 वर्गमीटर में फैला होगा। साथ ही इसमें दो तरह के सेक्शन बनाए जाएंगे। इसमें एक हिस्से में लोग अपने पालतू जानवरों का अंतिम संस्कार करवा पाएंगे। इसका वजन 150 किलो तक का होगा। जिन जानवरों का वजन इसके अंदर आएगा, उसे यहां जलाया जाएगा।
दूसरे सेक्शन में सड़क पर मारे गए आवारा जानवरों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे सड़क पर मरे जानवरों की बॉडी को ठिकाने लगाने में मदद मिलेगी। अभी नगर निगम को आवारा जानवरों की मौत के बाद बदबू की काफी समस्या होती है।
बात अगर इस शमशान घाट में जलाए जाने वाले जानवरों की करें, तो इसमें कुत्ते, बिल्ली, बंदर और सूअर का अंतिम संस्कार किया जा सकता है। इसके अलावा आवारा जानवरों में अगर सड़क पर गाय दिखेगी, तो उसका भी अंतिम संस्कार किया जा सकता है।
शमशान घाट पर 30 किलो तक के वजन वाले जानवरों के अंतिम संस्कार के लिए दो हजार रुपये चार्ज देना होगा। इसके ऊपर वाले जानवरों के लिए तीन हजार का चार्ज तय किया गया है। वैसे तो इसका निर्माण द्वारका नगर निगम करवाएगा लेकिन इसका इस्तेमाल दिल्ली के सभी लोग कर सकते हैं।
इस शमशान घाट की एक और ख़ास बात ये है कि यहां जानवरों का अंतिम संस्कार पुजारी करेंगे। जैसे इंसान के अंतिम संस्कार पर मन्त्र पढ़े जाते हैं, वैसे ही जानवरों के अंतिम संस्कार पर भी पुजारी मन्त्र पढ़कर उसकी आत्मा को मुक्ति दिलाएंगे।
साथ ही साथ अंतिम संस्कार के बाद लोगों को अस्थियां भी दी जाएगी। जिन्हें ले जाना है वो इन्हें ले जा सकते हैं। इन्हें रखने के लिए रैक भी बनाया जाएगा।