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बेहद निर्दयी है तख्तापलट करने वाली म्यांमार सेना, प्रेग्नेंट महिलाओं का रेप कर जला देते हैं जिंदा
हटके डेस्क: म्यांमार में हुए तख्तापलट ने दुनिया को हैरान कर दिया। कई सालों के संघर्ष के बाद यहां 2011 डेमोक्रेसी आई थी। लगभग 25 साल तक इसके लिए विरोध प्रदर्शन किये गए थे। लेकिन अचानक 31 जनवरी की रात से यहां तख्तापलट की सुगबुगाहट होने लगी। राष्ट्रपति के साथ ही साथ सेना ने देश के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। इसके बाद सेना ने ऐलान किया कि देश को सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है। जब से तख्तापलट की खबर आई है, तब से यहां के लोगों के मन में दहशत बढ़ गई है। सबके जेहन में 2011 से पहले सेना के आतंक ताजा हो गया है। बता दें कि डेमोक्रेसी से पहले यहां सेना के राज में लोगों की जिंदगी नर्क से भी बदतर हो गई थी। सेना अपनी मनमानी करती थी और लोगों को काफी प्रताड़ित किया जाता था। खासकर महिलाओं की जिंदगी यहां नर्क से भी बदतर थी। आइये बताते हैं कैसे लोगों पर जुल्म ढाती थी सेना...
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म्यांमार सेना ने देश में अपने राज के दौरान जमकर उत्पात मचाया था। ऐसा उन्हें महिलाओं से रेप का लाइसेंस मिला था। इनमें रोहिंग्या महिलाएं मुख्य टारगेट थीं। सेना के आतंक से बचकर भाग निकली कई महिलाएं जब बांग्लादेश पहुंची तब सेना की करतूत दुनिया को बताई थी।
इनमें सैनिकों के चंगुल से जिन्दा निकली महिला सुअनारा ने बताया था कि म्यांमार में अपने परिवार के साथ वो बेहद खुश थीं। उनके घर में 42 गाय, दो कार और चावल के खेत थे। लेकिन इसके बाद अचानक एक दिन उनकी जिंदगी पर सेना का ग्रहण लग गया।
सुअनारा ने बताया कि सेना ने उनके गांव पर अटैक कर दिया। उस वक्त सुअनारा के पति अपने सारे बच्चों के साथ दूसरे गांव में थे। सिर्फ उसका बड़ा बेटा साथ था। सैनिकों ने उसके बेटे को गोली मारी और उसका सर काट दिया।
म्यांमार सेना का आतंक इतने से ही खत्म नहीं हुआ। उन लोगों ने सुअनारा को बेड से बांध दिया। इसके बाद 9 सैनिको ने मिलकर 6 घंटे तक उसके साथ रेप किया था।
उस दौरान सुअनारा आठ महीने की प्रेग्नेंट थी। बावजूद इसके उसके साथ रेप किया गया। सैनिक पेट पर लात मारते रहे। इतने टॉर्चर के कारण सुअनारा बेहोश हो गई। तब उन्होंने उसे छोड़ दिया।
इस हादसे के बाद सुअनारा अपने पति के साथ बांग्लादेश चली आई। जहां उसने एक बेटे को जन्म दिया, जिसकी एक दिन के बाद मौत हो गई। अपने साथ अत्याचार की कहानी बताते हुए सुअनारा की जुबान कांप रही थी।
म्यांमार सेना के आतंक से प्रभावित रोशीदा में भी मीडिया के साथ उनके साथ हुए अत्याचार को शेयर किया था। उसने बताया कि सेना ने उसके गांव पर हमला कर घरों में आग लगा दी।
जब रोशीदा को पकड़ा गया तब उसके हाथ में उसका 25 दिन का बेटा था। सैनिकों ने उसे जमीन पर पटक दिया जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद रोशीदा को जलते घर में धकेल दिया। उसे मरा समझ सैनिक चले गए लेकिन वो बच निकली।
रोशीदा जल गई थी लेकिन फिर भी हिम्मत कर बांग्लादेश पहुंची। उसने बताया कि सेना इतनी क्रूर है कि बच्चों को मारने के बाद साथ चार से पांच महिलाओं को घर में बंद कर रेप करते हैं। अब तख्तापलट के बाद सैनिकों के इसी उत्पात का सोच लोगों में दहशत का माहौल है।