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- चीन का 1 और बड़ा झूठ बेनकाब, 2018-19 में ही फैल गया था कोरोना, इंटरनेट पर सर्च हुआ था वायरस का नाम
चीन का 1 और बड़ा झूठ बेनकाब, 2018-19 में ही फैल गया था कोरोना, इंटरनेट पर सर्च हुआ था वायरस का नाम
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चीन से पिछले दो साल के सैटेलाइट इमेजेस के जरिये ये दावा किया जा रहा है कि इस देश में कोरोना 2018-19 में ही फ़ैल गया था। 2019 की गर्मियों में तो वुहान के अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह नहीं बची थी।
इस दौरान जितने भी मरीज अस्पताल आ रहे थे, सभी को सर्दी-खांसी जैसे लक्षण दिखाई दे रहे थे। ऐसे में इस बात के पुरे चान्सेस हैं कि इस वायरस ने 2019 तक चीन को अपनी चपेट में ले लिया था।
ये नयी स्टडी हार्वर्ड मेडिकल स्कूल द्वारा की गई। इसे डॉ जॉन ब्रौंस्टेइन ने लीड किया। उन्होंने इस स्टडी में कमर्शियल सैटेलाइट का इस्तेमाल किया था।
इस स्टडी में पता चला कि 2019 तक वुहान के मेजर अस्पतालों में मरीजों की संख्या 2018 से 19 के बीच जबरदस्त ढंग से बढ़ी। इसमें पांच मेजर अस्पताल शामिल थे।
अस्पतालों के बाहर ट्रैफिक सर्ज काफी ज्यादा था। जो इस बात का सबूत है कि अचानक ही वुहान में मरीजों की संख्या बढ़ गई थी।
इसके अलावा एक और सबूत जो सामने आया, वो तो वाकई चौंकाने वाला है। जहां पूरी दुनिया को इस साल जनवरी में कोरोना की जानकारी हुई, वहीं चीन में पिछले दो साल से इंटरनेट पर इस बीमारी को सर्च किया जा रहा है।
इसका साफ़ मतलब है कि चीन में इस वायरस का पता पहले चल चूका था। हालांकि, वहां के लोगों को इसे नार्मल फ्लू के तौर पर बताया गया। उन्हें भी जानकारी नहीं थी कि एक दिन ये वायरस महामारी का रूप ले लेगा।
चीन के वुहान से दुनिया में फैले इस वायरस से अभी तक दुनियाभर में 70 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। साथ ही 4 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
फिर भी चीन ने अभी तक कोरोना को लेकर कई बातें लोगों से छिपाई है। जहां कुछ लोग कोरोना को इंसानों द्वारा लैब में बनाए जाने का भी दावा कर रहे हैं। वहीं चीन इससे इंकार कर रहा है।