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31 अक्टूबर को आसमान में दिखेगा नीला चांद, 76 साल बाद भारत सहित दुनियाभर के लोग देखेंगे अद्भुत नजारा
हटके डेस्क: साल 2020 में कई नई और हैरान करने वाली चीजें लोगों को देखने को मिल रही है। किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक वक्त ऐसा आएगा जब लोगों को अपनी जान बचाने के लिए घर में कैद रहना पड़ेगा। लेकिन साल 2020 ने लॉकडाउन में लोगों को ये भी दिखा दिया। इसके बाद अंतरिक्ष से कभी उल्कापिंड तो कभी एस्टेरोइड के गिरने का सिलसिला भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। इस बीच अब 31 अक्टूबर को लोगों को ब्लू मून ( Bue Moon ) देखने को मिलेगा। ये कई सालों के बाद दुबारा होने वाला है। 31 अक्टूबर को भारत के लोग भी आसमान में ये नजारा देख पाएंगे। आइये आपको बताते हैं आखिर क्या है ब्लू मून और इस दौरान लोगों को आसमान में कैसा नजारा देखने को मिलेगा। ( सभी तस्वीरें गूगल से )
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दुनियाभर के लोगों को 31 अक्टूबर को ब्लू मून देखने को मिलेगा। इसे लेकर एस्ट्रोलॉजर्स और साइंटिस्ट्स सहित अंतरिक्ष से जुड़े सभी लोगों में खासा उत्साह है। ऐसा नजारा सालों बाद लोगों को देखने को मिलेगा।
कहा जा रहा है कि 30 साल में ऐसा पहली बार होगा जब दुनिया भर में एक ही रात को ब्लू मून दिखेगा। इससे पहले कुछ-कुछ जगहों पर ही इसे देखा गया है। लेकिन 30 साल बाद एक साथ पूरी दुनिया ब्लू मून देखेगी।
31 अक्टूबर 2020 के बाद लोगों को ब्लू मून अगले 19 साल तक नजर नहीं आएगा। हैलोवीन के दिन दिखने वाले इस नज़ारे का इन्तजार लोग बेसब्री से कर रहे हैं।
लेकिन आपको एक बात बता दें। इस चांद का नाम ब्लू मून तो है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि चांद का रंग ही नीला हो जाएगा। दरअसल, इसे ब्लू मून एक ख़ास कारण से कहा जाता है।
दरअसल, जब भी एक महीने में दो बार पूर्णिमा यानी फूल मून देखा जाता है तो उसे ब्लू मून का नाम दिया जाता है। 2020 के अक्टूबर महीने में भी लोगों को दो बार फूल मून दिखेगा।
1 अक्टूबर को पहली बार पूर्णिमा होगी। इसके बाद 31 अक्टूबर को दूसरी बार। ये काफी रेयर होता है। आमतौर पर साल में 12 फूल मून होते हैं। लेकिन इस बार ये 13 होंगे।
2020 के बाद लोगों को ब्लू मून 2039 में देखने को मिलेगा। कहा जा रहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पूरी दुनिया में एक साथ ये नजारा देखा गया था। यानी 76 साल बाद इस साल लोग इसे देख पाएंगे।
अर्थ स्काई की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर ब्लू मून के नाम पर नीले रंग का चांद दिखाया जाता है। लेकिन ऐसा असलियत में नहीं होता। 1944 में दिखे ब्लू मून की चमक तेज थी। लेकिन वो नीला नहीं था।
इस साल दिखने वाले ब्लू मून को नॉर्थ-साउथ अमेरिका के अलावा इंडिया, यूरोप और एशिया के दूसरे देशों में भी देखा जा सकेगा।