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दावा: 21 जून को खत्म हो जाएगी दुनिया! भूल से भी नंगी आंखों से ना देखें आसमान में निकला आग का गोला
हटके डेस्क: दुनिया कोरोना वायरस के कारण पहले ही तबाह है। साल 2020 को सभी मनहूस बता रहे हैं। इस साल में एक के बाद एक ऐसी घटनाएं हुई है कि अब लोग इस साल को मनहूस बताने लगे हैं। इस साल की शुरुआत जहां ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग से हुई, वहीं उल्कापिंड भी गिरा। एक के बाद एक आपदाओं के बीच अब न्यूजीलैंड में भी भूकंप और सुनामी की खबर है। इस बीच 21 जून को दुनिया खत्म हो जाएगी, इसकी भी खबरें सामने आ रही है। माया कैलेंडर के मुताबिक, 21 जून ही वो तारिख है, जिसके बाद दुनिया समाप्त हो जाएगी। हालांकि, वैज्ञानिकों ने इसे गलत बताया और कहा कि अभी दुनिया खत्म नहीं होगी। हालांकि, ये जरूर कहा गया है कि नंगी आंखों से ग्रहण को ना देखें। ये आंखों के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।
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साल 2020 दुनिया के लिए काफी मुश्किल साबित हो रहा है। जनवरी से लेकर अभी तक कई तरह की आपदाएं दुनिया में आई है। इसमें ऑस्ट्रेलिया बुशफायर से लेकर कई बार धरती का हिलना भी शामिल है।
2020 में अब 21 जून को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। ये साल का पहला ग्रहण होगा। इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि इस दिन दुनिया खत्म हो जाएगी।
ये दावा माया कैलेंडर के आधार पर किया गया है। आज से कई साल पहले इस कैलेंडर पर ही दुनिया चलती थी। लेकिन उसके बाद अब जिस कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है वो है ग्रेगोरियन कैलेंडर।
1582 से पहले तक लोग माया कैलेंडर का इस्तेमाल करते थे। आपको याद होगा कि इससे पहले 21 दिसंबर 2012 को दुनिया के खत्म होने की भविष्यवाणी की गई थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ था।
इस टॉपिक पर वैज्ञानिक टागालोगयून ने एक ट्वीट किया था। उसकी गणना के अनुसार जूलियन कलेंडर के मुताबिक हम टेक्निकली 2012 में हैं। ग्रेगोरियन कैलेंडर में बदलाव के कारण एक वर्ष में खो जाने वाले दिनों की संख्या 11 दिन है। 268 सालों से ग्रेगोरियन कलेंडर के तहत (1752-2020) का 11 दिन = 2,948 दिन। 2948 दिन/ 365 दिन (प्रति वर्ष)= 8 साल।
अगर इस लॉजिक को मानें तो 21 जून 2020 वास्तव में 21 दिसंबर 2012 होगा। यानी दुनिया खत्म होने की जो भविष्यवाणी 21 दिसम्बर 2012 की थी, वो असल में 21 जून 2020 को होगा।
इस दावे को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कई तरह के पोस्ट कर रहे हैं। इस दिन लगने वाले ग्रहण को सभी मनहूस कह रहे। इस दिन दुनिया खत्म हो जाएगी, इसको लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के पोस्ट किये गए हैं।
हालांकि, नासा का कहना है कि ये सारे दावे काल्पनिक है। इसका कोई सबूत नहीं है। उसने इन सब दावों को गलत ठहराया है। अब सूर्य ग्रहण के बीच लोग 21 जून का इन्तजार कर रहे हैं। अब उस दिन ही पता चलेगा कि कौन सही है- किये जा रहे दावे या नासा।
2020 में कोरोना के कारण लोगों की जान जा रही है। तेजी से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है। मौत के आंकड़े ऐसे बढे कि दुनिया के कई देशों के कब्रिस्तान कम पड़ गए। बात अगर भारत की करें तो यहां भी कोरोना का आतंक बढ़ता जा रहा है। हालांकि , अच्छी बात ये है कि यहां मौत का आंकड़ा बाकी देशों के मुकाबले कम है। संक्रमितों की संख्या के मुकाबले मरने वालों की संख्या कम है।