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सालों से वीरान पड़े इस गुफा की दीवारें भी हैं सोने से बनी, अचानक ही इस देश में मिला सोना ही सोना
हटके डेस्क: इंसान की नजर के सामने कई बार ऐसी चीजें होती हैं, जो सिर्फ उसकी बल्कि कई लोगों की जिंदगी बदल सकती है। लेकिन काफी बार हम चीजें इग्नोर कर देते हैं, जिसके बाद काफी समय तक ये कीमती चीजें हमारी नजरों से दूर रहती है। ऐसा ही कुछ हुआ स्कॉटलैंड में, जहां एक नेशनल पार्क में सालों से पुराना गुफा मौजूद था। लेकिन कोई उसके अंदर नहीं जाता था। पर जब सालों बाद लोग उसके अंदर घुसे तो उनकी आंखें चौंधिया गई। अंदर सोने की खदान थी। ये खदान भी कोई ऐसा वैसा नहीं था। इसमें अरबों की कीमत का सोना है। अब स्कॉटलैंड सरकार नवंबर से इस खदान को खोलने की तैयारी में है। इससे देश को काफी फायदा पहुंचेगा। साथ ही लोगों को जॉब भी मिलेगी। आइये आपको दिखाते हैं लोगों की नजर से कैसे सालों तक गायब रहा ये खदान...
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स्कॉटलैंड में जिस एरिया में ये खदान मिला है, उसे अपने पहाड़ों और वीरान खंडहरों के लिए जाना जाता है। यहां कई ऐसी गुफाएं हैं, जो सालों से अनछुई है। इसी में एक गुफा ने अब देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की तैयारी कर ली है।
इस खदान का नाम कोनिश माइन है। ये स्कॉटलैंड के टिनड्रम और ट्रॉसच्स नेशनल पार्क के बीच पड़ता है। इस खदान में नवंबर में प्रॉडक्शन शुरू हो जाएगा। ये देश का पहला सोने का खदान है।
इस खदान की वजह से देश में कई लोगों को जॉब मिलेगी। साथ ही अब इसके आसपास के इलाकों में और भी तेजी से सर्च अभियान शुरू कर दिए गए हैं, ताकि पता चल पाए कि ऐसे और खदान हैं या नहीं?
इस खदान का टेंडर स्कॉटगोल्ड रिसॉर्स ने लिया है, जिनका मकसद है साल में 23 हजार 5 सौ ट्रॉय औंस सोने को पैदा करना। अभी खदान मौजूद सोने की कीमत का अनुमान 22 अरब 28 करोड़ से ज्यादा लगाई गई है।
इस सोने में से 25 प्रतिशत को गहनों के रूप में बनाकर बेचने की तैयारी है। जिसकी वजह से अब गहने की दुनिया में स्कॉटलैंड की जगह और तेजी से मजबूत होगी।
कहा जा रहा है कि इस खदान की वजह से देश की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत होगी। इस खदान में ना सिर्फ कर सोना निकाला, बल्कि इसके दीवारों पर भी सोना है। कई लोगों ने इस खदान से सोना लेने के लिए दिलचस्पी दिखाई है।
बता दें कि वैसे तो ये खदान 1980 के दशक में ही नजरों में आ गया था लेकिन उस दौरान किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। इससे प्रोडक्शन नहीं हो पाया और लोग इसके बारे में भूल ही गए। अब जब देश को जरुरत पड़ी, तो दुबारा इसे स्टार्ट किया जा रहा है।