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PHOTOS: बंगाल की पॉलिटिक्स में ऐसा 'परिवर्तन' पहली बार दिखा, मोदी की रैली में सैलाब-सी उमड़ीं 'बेटियां'
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बंगाल में चुनावी हिंसा एक बड़ा मुद्दा है। वहीं, आम दिनों में महिला सुरक्षा भी चिंता का विषय है। इसी मुद्दे पर भाजपा और टीमएसी दोनों ही पार्टियां महिला वोटरों के हित में वादे कर रही हैं। लेकिन सरकार को लेकर बंगाल में महिलाएं खुश नहीं हैं।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में 7 करोड़ 32 लाख वोटर हैं। इनमें पुरुष वोटर 3 करोड़ 73 लाख, जबकि 3 करोड़ 59 महिला वोटर हैं। यानी करीब बराबर।
महिलाओं को अपने फेवर में करने ममता बनर्जी ने 50 महिलाओं को टिकट दिया है। लेकिन भाजपा ने अपनी पूरी महिला मोर्चा को चुनाव में उतारकर बंगाल की राजनीति में बदलाव के संकेत दे दिए।
बंगाल में 2019 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 81.7 था। इस चुनाव में भाजपा को 22, जबकि टीमएसी को 18 सीटें मिली थीं। इसमें टीएमसी को 12 सीटों का नुकसान हुआ था। यही वजह है कि भाजपा की सभाओं में महिलाओं की यह भीड़ टीएमसी के लिए टेंशन का कारण बन गई है।
पिछल दिनों भाजपा कार्यकर्ता की 85 साल की मां की मौत के मामले ने महिलाओं को सरकार के प्रति नाराज कर दिया है। आरोप है कि बुजुर्ग की मौत टीएमसी कार्यकर्ताओं की पिटाई से आईं अंदरुनी चोटों से हुई।
प्रधानमंत्री मोदी भी यह बात कई बार दुहरा चुके हैं कि महिलाएं साइलेंट वोटर हैं। भाजपा के पास इस वोटर का बड़ा वर्ग मौजूद है।
केंद्र सरकार ने उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, जनधन और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं के जरिये महिला वोटरों को अपने फेवर में करने में काफी हद तक सफलता पाई है।
पश्चिम बंगाल में गुरुवार को मोदी ने दो जनसभाएं कीं। यहां उमड़ी भीड़ देखकर भाजपा का जोश दोगुना हो गया। पहली और दूसरी(ऊपरी) तस्वीर उलुबेरिया में जनसभा की है। तीसरी तस्वीर में जयनगर में जनसभा करने पहुंचे मोदी भीड़ का अभिवादन कर रहे हैं।