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इस देश के सैनिकों ने प्रैक्टिस के लिए 39 बेकसूर नागरिकों को गोलियों से किया छलनी, हत्या का केस दर्ज
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एंगस के मुताबिक, इन सैनिकों ने सिर्फ प्रैक्टिस के नाम पर बेगुनाह लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया। इससे पहले भी अफगानिस्तान में तैनात विदेशी सैनिकों पर ऐसे आरोप लगते रहे हैं।
सैनिकों की यह हरकत अमानवीय
एंगस की यह रिपोर्ट NBC में पब्लिश हुई है। इसमें एंगस ने कहा, यह शर्मनाक है। सैनिकों द्वारा 39 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। इनमें से कुछ कैदी, किसान और आम नागरिक भी शामिल थे। ये सैनिक 'प्रैक्टिस के लिए कत्ल' के आरोपी बनाए गए हैं। ऑस्ट्रेलिया में तैनाती के बाद जब कोई सैनिक पहली बार किसी अपराधी को मुठभेड़ में मार गिराता है तो इसे 'ब्लडिंग' कहा जाता है। (फोटो- डिफेंस फोर्स चीफ जनरल एंगस कैम्पबेल)
एंगस ने कहा, ऑस्ट्रेलिया के फौजियों की हरकत अमानवीय और दरिंदगी भरी है। उन्होंने कहा, हमारे सैनिको ने हत्या करने के बाद लोगों के पास हथियार रख दिए। इसके बाद संदेश भेजा कि एनकाउंटर में दुश्मनों को ढेर कर दिया। (फाइल फोटो- अफगानिस्तान में तैनात ऑस्ट्रेलियाई सैनिक)
19 सैनिक बनाए गए आरोपी, चलेगा हत्या का केस
एंगस के मुताबिक, हत्याओं की शुरुआत 2009 में हुई। ज्यादातर हत्याएं 2012 से 2013 के बीच में हुईं। ऑस्ट्रेलियाई डिफेंस डिपार्टमेंट ने इन हत्याओं के मामलों में चार साल तक जांच की। 19 सैनिकों को हत्या का आरोपी बनाया गया है। जांच के लिए तीन टीमें बनाई गई थीं। इनमें एक जज भी शामिल था। इस दौरान 400 से ज्यादा चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए थे। सभी सैनिकों पर हत्या का केस चलेगा। (फाइल फोटो- अफगानिस्तान में तैनात ऑस्ट्रेलियाई सैनिक)
23 घटनाओं में मारे गए 39 लोग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुल 23 घटनाओं में 39 लोग मारे गए। हत्या का आरोप 25 सैनिकों पर लगा है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने जांच के लिए कमेटी भी बनाई थी। उन्होंने आरोपी सैनिकों और अफसरों के मैडल भी वापस लेने का आदेश दिया था। (फोटो- ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन)
एंगस ने अफगानिस्तान से मांगी माफी
डिफेंस फोर्स चीफ एंगस ने कहा, मुझे अहसास है कि हमारे सैनिकों ने इंसानियत का कत्ल किया। हम अफगानिस्तान के नागरिकों से तहे दिल से माफी मांगते हैं। मैंने सुरक्षा अधिकारियों से बातचीत की और उनसे भी माफी मांगी। हमारे सैनिकों ने लोगों का भरोसा तोड़ा है। (फाइल फोटो- अफगानिस्तान में तैनात ऑस्ट्रेलियाई सैनिक)