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पूरी दुनिया में कोरोना फैलाने के लिए चीन कर रहा ये काम, हर एक देश को ड्रैगन की चालाकी से अलर्ट रहने की जरूरत
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चीनियों की विदेश यात्रा पर कोई पाबंदी नहीं :
चीन में कोरोना से हालात बेकाबू होने के बाद भी वहां की सरकार ने अब तक लोगों की विदेश यात्राओं को लेकर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। इसके चलते चीन के लोग ताइवान, थाईलैंड, जापान, अमेरिका और यूरोपीय देशों की यात्राएं कर रहे हैं।
WHO की तरफ से भी अब तक कोई गाइडलाइन नहीं :
बता दें कि 2019 में जब पहली बार चीन के वुहान में कोरोना केस मिला था, तब भी चीन ने अपने लोगों को विदेश जाने से नहीं रोका था। लोग बड़ी संख्या में चीन से दूसरे देशों में गए और वहां वायरस को फैला दिया। बता दें कि एयर ट्रैवल को लेकर अब तक WHO की तरफ से भी कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है।
2019 में भी चीन ने कोरोना को हल्के में लिया था :
बता दें कि चीन में 2019 के आखिर में कोरोना केस बढ़ने शुरू हुए थे। चीन ने काफी समय तक कोरोना को हल्के में लिया और दुनिया से इस वायरस को लेकर हर एक बात छुपाई। चीन ने न तो मरीजों और मौत के सही आंकड़े दिए और ना ही वायरस की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाए। नतीजा पूरी दुनिया ने भुगता।
चीन का ढुलमुल रवैया बनेगा लाखों मौतों की वजह :
2019 में कोरोना लहर के 3 साल बाद अब एक बार फिर कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। हालांकि, वायरस से निपटने के लिए अब भी चीन ढुलमुल नीति ही अपना रहा है। यहां तक कि चीन को लोगों से ज्यादा व्यापार और अर्थव्यवस्था की चिंता है।
चीनी एक्सपर्ट कोरोना को बता रहे साधारण फ्लू :
चीन में भले ही अस्पतालों से लेकर श्मशानों तक लाशें ही लाशें नजर आ रही हैं, लेकिन बावजूद इसके वो इसकी गंभीरता समझने को तैयार नहीं है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब भी लॉकडाउन लगाने को तैयार नहीं हैं। यहां तक कि चीन के महामारी विशेषज्ञ झोंग नानशान तो इसे मौसमी सर्दी-जुकाम से ज्यादा नहीं मान रहे हैं।
चीन के लिए जान से ज्यादा व्यापार जरूरी :
वहीं चीन के बड़े अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस भले ही फैले लेकिन अर्थव्यवस्था की रफ्तार नहीं थमनी चाहिए। यहां तक कि चोंगकिंग में तो उन सरकारी कर्मचारियों को काम पर लौटने के लिए कहा गया है, जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं। यानी चीन को अब भी लोगों की जान से ज्यादा व्यापार की चिंता है।
अब तक दुनिया के 10 से ज्यादा देशों में फैल चुका BF.7 :
बता दें कि चीन में इस बार सबसे ज्यादा केस और मौतों के लिए ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BF.7 जिम्मेदार है। इस वैरिएंट का पहला केस चीन के इनर मंगोलिया प्रांत में मिला था। तब से अब तक ये वायरस अमेरिका, यूके, जापान, बेल्जियम, भारत, जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क सहित यूरोप के कई देशों में फैल चुका है।
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