सार
कोरोना के चलते चीन में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। एक तरफ जहां अस्पतालों में लोग फर्श पर लेटकर इलाज कराने को मजबूर हैं, तो वहीं दूसरी तरफ लोग दवा कंपनियों की फैक्ट्रियों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में खड़े नजर आ रहे हैं। चीन में अस्पतालों से लेकर श्मशानों तक बस लाशें ही लाशें नजर आ रही हैं।
Covid in China: कोरोना के चलते चीन में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। एक तरफ जहां अस्पतालों में लोग फर्श पर लेटकर इलाज कराने को मजबूर हैं, तो वहीं दूसरी तरफ लोग दवा कंपनियों की फैक्ट्रियों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में खड़े नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में अस्पतालों से लेकर श्मशानों तक बस लाशें ही लाशें नजर आ रही हैं। यहां तक कि शवों का 24 घंटे अंतिम संस्कार किए जाने के बाद भी लंबी वेटिंग है। चीन के ज्यादातर मेडिकल स्टोर में ब्रुफेन के अलावा बुखार की दूसरी और दवाईयों की भारी कमी हो गई है।
शहर के बाद अब गांवों में भी फैल रहा वायरस :
चीन में अब कोरोना शहरी इलाकों से देहाती आबादी में भी फैलने लगा है। हालांकि, कोरोना के लगातार बढ़ते केस और बिगड़ते हालातों पर चीन की चुप्पी बहुत कुछ कह रही है। हालात ये हैं कि चीन के अस्पतालों में खून की भी भारी कमी देखी जा रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए ग्वांगझोउ शहर में एक ही दिन में 1,200 ब्लड डोनर्स की जरूरत है।
चीन में मची नींबू और चेरी की लूट :
चीन में न सिर्फ दवाओं बल्कि नींबू और चेरी की भी लूट मची हुई है। चीन के कई शहरों में नींबू खरीदने की होड़ मची हुई है। लोग कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपनी इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए भारी मात्रा में नींबू खरीद रहे हैं। चीन ने अपनी वैक्सीन को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन जिस तरह से वहां कोरोना विस्फोट हुआ है, उसे देखकर तो यही लग रहा है कि चीन की जनता को अब अपनी ही वैक्सीन पर भरोसा नहीं रहा।
24 घंटे में दुनियाभर में आए 5,86,296 नए केस :
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में पूरी दुनिया में 5,86,296 नए केस सामने आए हैं। इनमें अमेरिका में 326, जापान में 296, ब्राजील में 197, फ्रांस में 127, साउथ कोरिया में 59 और रूस में भी 59 मौतें दर्ज की गई हैं।
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WHO ने चीन से मांगे कोरोना के आंकड़े :
चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना ने भले ही पूरी दुनिया को बर्बादी की आग में झोंक दिया, लेकिन बावजूद इसके चीन सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। चीन में अब भी कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े छुपाए जा रहे हैं। यही वजह है कि अब WHO ने चीन से कोरोना के सही आंकड़े मांगे हैं ताकि उसे बेहतर ढंग से समझने में मदद मिले।
चीन को मौतों से ज्यादा व्यापार की चिंता :
चीन में भले ही अस्पतालों से लेकर श्मशानों तक लाशें ही लाशें नजर आ रही हैं, लेकिन बावजूद इसके ड्रैगन गंभीरता को नहीं समझ रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब भी लॉकडाउन लगाने को तैयार नहीं हैं। यहां तक कि चीन के महामारी विशेषज्ञ झोंग नानशान तो इसे मौसमी सर्दी-जुकाम से ज्यादा नहीं मान रहे हैं। वहीं चीन के बड़े अधिकारियों का कहना है कि वायरस भले ही फैले लेकिन अर्थव्यवस्था की रफ्तार नहीं थमनी चाहिए। यहां तक कि चोंगकिंग में सरकारी कर्मचारियों से काम पर लौटने के लिए कहा गया है।
कोरोना के इस वैरिएंट ने निकाली चीन की हेकड़ी :
चीन में कोरोना विस्फोट के लिए ओमिक्रॉन वायरस का सब वैरिएंट BF.7 जिम्मेदार है। BF.7 वैरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में R346T म्यूटेशन से बना है। इसी म्यूटेशन की वजह से ये वैरिएंट एंटीबॉडी को भी चकमा दे सकता है। बता दें इस वायरस ने दुनिया को धमकाने वाले चीन की सारी हेकड़ी निकाल दी है।
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अब तक 10 देशों में फैल चुका BF.7 :
BF.7 वैरिएंट की बात करें तो इसका पहला केस चीन के इनर मंगोलिया प्रांत में मिला था। तब से अब तक ये वायरस अमेरिका, यूके, जापान, बेल्जियम, भारत, जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क सहित यूरोप के कई देशों में फैल चुका है। 10 दिसंबर तक अमेरिका में कोरोना के नए मामलों में BF.7 वैरिएंट के 5.7% केस थे। वहीं, बेल्जियम में 25% जबकि जर्मनी और फ्रांस में 10 फीसदी केस इस वैरिएंट के थे।
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