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चीन के श्मशानों में 20 दिन की वेटिंग, हालात इतने खराब कि अब कोरोना संक्रमित डॉक्टर कर रहे इलाज
Covid in China: चीन में कोरोना का कहर जारी है। हालात ये हैं कि वहां मरीजों के लिए अस्पतालों में न तो बेड खाली हैं और ना ही दवाएं मिल रही हैं। मौतों का आंकड़ा इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि 24 घंटे अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं, बावजूद इसके श्मशानों में 20 दिन की वेटिंग चल रही है। सोशल मीडिया पर चीन के कई डरावने वीडियो सामने आ रहे हैं। मेडिकल स्टॉफ और डॉक्टरों पर वर्कलोड इतना बढ़ चुका है कि वो खुद संक्रमित हो रहे हैं।
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बता दें कि चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी का जमकर विरोध हुआ, जिसके चलते सरकार ने इसमें ढील देते हुए लॉकडाउन हटा दिया। लॉकडाउन हटते ही चीन में कोरोना विस्फोट हो गया। वहां हालात इतने खराब हैं कि अस्पतालों में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हो चुके हैं। कई अस्पतालों में अब संक्रमित डॉक्टर ही कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
चीन में 31 दिसंबर, 2019 को वुहान शहर में कोरोना का पहला केस मिला। इसके बाद चीन ने 23 जनवरी, 2020 को पहली बार वहां लॉकडाउन लगाया। बाद में 20 राज्यों की 70 करोड़ आबादी को लॉकडाउन लगा घरों में कैद कर दिया गया।
लंबे समय तक घरों में कैद रहकर चीन की जनता ऊब चुकी थी। इसके चलते जीरो कोविड पॉलिसी का विरोध शुरू हो गया। चीन में सख्त लॉकडाउन की वजह से लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी नहीं बन पाई और जब अचानक लॉकडाउन में ढील दी गई तो कोरोना के BF7 वैरिएंट ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर दिया।
लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी के मुताबिक, चीन कोरोना के सही आंकड़े छुपा रहा है। चीन में हर दिन 10 लाख से ज्यादा कोरोना केस आ रहे हैं। लेकिन चीन सिर्फ 3 से 5 हजार केस ही बता रहा है। इसके अलावा वहां रोजाना 5 हजार मौतें हो रही हैं।
ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी के मुताबिक, फिलहाल चीन में कोरोना की रफ्तार थमती नहीं दिख रही है। अगर हालात इसी तरह बने रहे तो नए साल यानी जनवरी में रोजाना केस बढ़कर 37 लाख तक हो सकते हैं। वहीं, मार्च में ये केस बढ़क 42 लाख तक हो सकते हैं।
चीन के अलावा जापान, अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में भी कोरोना केस बढ़ते जा रहे हैं। अमेरिका में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ के पार पहुंच गया है। वहीं, जापान में कोरोना बड़े-बुजुर्गों के अलावा बच्चों को भी अपना शिकार बना रहा है। पिछले 8 महीने में जापान में कोरोना से 41 बच्चों की मौत हो चुकी है।
बता दें कि चीन में कोरोना विस्फोट की वजह ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BF7 को जिम्मेदार माना जा रहा है। इस वायरस के स्पाइक प्रोटीन में R346T नाम का एक खास म्यूटेशन होता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसी म्यूटेशन की वजह से यह वैरिएंट एंटीबॉडी को भी चकमा दे सकता है।
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