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वैक्सीन से भी नहीं हारेगा कोरोना? रिसर्च में दावा- धमनी में जम रहा खून का थक्का, इस वजह से हो रहीं मौतें
वॉशिंगटन. दुनिया के अधिकांश देश कोरोना के संक्रमण से बुरी तरह से प्रभावित हैं। दुनिया में 43 लाख 57 हजार 791 लोग संक्रमित हैं। जबकि अब तक 2 लाख 93 हजार 226 लोगों की मौत हो चुकी है। इन सब के बीच दुनिया को कोरोना के वैक्सीन का इंतजार है। दुनिया के कई देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। वहीं, इजरायल और इटली ने वैक्सीन खोज लेने का दावा भी कर दिया है। इधर विशेषज्ञ अब वैक्सीन को लेकर भी आगाह कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन खोज लेना ही महामारी को खत्म करने के लिए काफी नहीं होगा।
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परिस्थितियों के हिसाब से ढला कोरोना तो होगी मुश्किल
कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर यह दावा इस महामारी पर शोध कर रहे मेडिकल विशेषज्ञों ने किया है। अगर कोरोना वायरस ने खुद को शरीर के अंदर परिस्थितियों के हिसाब से ढाल लिया, तो बहुत परेशानी हो सकती है। उनका कहना है कि ऐसे में वैक्सीन खोजने के बावजूद कई वर्षों तक इस पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पूरी दुनिया की लगभग 70 फीसदी यानी 5.6 अरब आबादी को टीका लगाने की जरूरत होगी, ताकि उनके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा किया जा सके। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि वैक्सीन को समय से पहले बनाने में सफलता मिल सकती है। डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस घेब्रेयेसस ने बताया कि 7 से 8 टीमें ऐसी हैं, जो वैक्सीन बनाने के बेहद करीब हैं।
इसके अलावा एक अन्य रिसर्च से पता चला है कि कोरोना की वजह से केवल श्वसन तंत्र ही नहीं बल्कि पूरे शरीर के ऊपर घातक असर पड़ रहा है। कई मरीजों के शरीर में संक्रमण के कारण धमनियों में खून के थक्के बन रहे हैं। वहीं, मरीजों के मौत की वजह भी अलग-अलग दिखाई दे रही है।
न्यूयॉर्क के डॉक्टर ने किया खुलासा
न्यूयॉर्क के गुड समैरिटन हॉस्पिटल में वसकुलर सर्जरी के डिवीजन चीफ डॉक्टर सीन वेंजर ने बताया कि उनके पास एक मरीज आया था जिसमें कोरोना के हल्के लक्षण थे। इलाज के बाद वह मरीज ठीक होकर घर चला गया। कुछ दिनों बाद उसके दोनों पैर सुन्न पड़ गए और वह इतना कमजोर हो गया कि बिना सहारे के वह खड़ा भी नहीं हो पा रहा था।
संक्रमण से धमनियों में जम रहा खून
डॉक्टर वेंजर ने बताया कि संक्रमण के कारण धमनियों में खून के बड़े-बड़े थक्के बन रहे हैं, जिसके कारण शरीर के अन्य भाग में इसका प्रवाह बाधित हो रहा है। डॉक्टर ने दावा किया कि कोरोना के संक्रमण में खून का थक्का जमने से 20 से 50 फीसदी तक संक्रमित मरीजों की मौत हो सकती है।
कई कारणों से हो रही संक्रमितों की मौत
कोरोना वायरस से संक्रमितों का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि इससे होने वाली मौत होने के कारणों में खून का पूरे शरीर में छोटे-बड़े थक्के जमना, किडनी फेल होना, हर्ट में सूजन होना और इम्यून से संबंधित बीमारियां प्रमुख हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा कॉलेज ऑफ मेडिसिन में काम करने वाले प्रोफेसर डॉ स्कॉट ब्रेन्रिज ने कहा कि यह बीमारी संक्रमितों के शरीर पर अलग-अलग तरीकों से प्रभाव डाल रही है।
मल्टी-सिस्टम ऑर्गन फेलियर भी हो रहा
डॉ स्कॉट ब्रेन्रिज ने कहा कि इससे रोगियों के शरीर में मल्टी-सिस्टम ऑर्गन फेलियर भी देखा जा रहा है। जिससे शरीर में एक साथ कई अंग काम करना बंद कर देते हैं। कुछ मामलों में यह रोगी के श्वसन तंत्र पर गंभीर असर डाल रहा है। वहीं यह वायरस बच्चों के इम्यून पर प्रभाव डाल रहा है।