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पहले चूहे और चमगादड़ों पर हुई रिसर्च, फिर दुनिया में मचा हाहाकार; ऐसा दिखता है लैब, जहां बना कोरोना वायरस

नई दिल्ली. चीन के वुहान शहर से दिसंबर 2019 में शुरू हुए कोरोना वायरस ने दुनिया के 210 देशों में आतंक मचा रखा है। इस वायरस की अभी तक कोई ठोस दवा नहीं तैयार हो सकी है। जिसके कारण दुनिया भर में 13 लाख 47 हजार 566 लोग संक्रमित हैं। जबकि 74 हजार 780 लोगों की जान जा चुकी है। इन सब के बीच एक सवाल बार-बार निकलकर सामने आ रहा है कि क्या कोरोना वायरस एक बायो वेपन है? चीन और अमेरिका ने एक दूसरे पर वायरस को पैदा करने का आरोप लगाया। अब ब्रिटेन की एक लैब ने भी दावा किया है कि कोरोना वायरस दरअसल एक बायोवेपन है जो चीन में बनाया गया है। 

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Asianet News Hindi
Published : Apr 07 2020, 12:32 PM IST| Updated : Apr 07 2020, 01:17 PM IST
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कोरोना वायरस को लेकर चीन पर दुनिया से झूठ बोलने का आरोप लग रहा है। समस्या ये है कि खुद चीन में भी कोरोना की उत्पत्ति को लेकर विवाद है।
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चीनी सरकार हमेशा ये कहती रही कि कोरोना वायरस वुहान के सी-फूड मार्केट से उपजा है, विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस दावे के साथ खड़ा है।
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कोरोना वायरस को लेकर चीन में हुई कुछ रिसर्च का दावा है कि ये वायरस देश में पहले से मौजूद था। कोरोना की उत्पत्ति को लेकर भ्रम, बायोवेपन के आरोप, वैश्विक संक्रमण से उपजे भय ने कई कहानियों को लोगों को सच मानने पर मजबूर किया है। लेकिन अभी तक इसके कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं कि कोरोना एक बायोवेपन है।
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चीन की जिस लैब में बायोवेपन तैयार किए जाने का दावा किया जा रहै उसका नाम वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) है। ये इंस्टिट्यूट एकेडमी ऑफ साइंस के तले चलता है। ये लैब वर्ल्ड क्लास रिसर्च के लिए पहचानी जाती है।
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इसकी स्थापना 1956 में की गई थी तब इसका नाम वुहान माइक्रो बायोलॉजी लेबरोटरी था। लेकिन 1978 में इसका नाम बदलकर वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी रखा गया।
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यह सच है कि कोविड-19 कोरोना वायरस परिवार का ही हिस्सा है। कोरोना वायरस को लेकर किए गए कई रिसर्च में यह लैब हिस्सा रहा है। लेकिन इसका उद्देश्य सार्स की दवा और भविष्य में उससे लड़ने के उपाय तलाशना था।
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2005 में कुछ शोधकर्ताओं ने, इनमें WIV के लोग भी शामिल थे, सार्स कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर रिसर्च पेपर पब्लिश किया था। इस रिसर्च में खुलासा किया गया था कि चीन के horseshoe चमगादड़ के शरीर में प्राकृतिक रूप से सार्स-कोरोना वायरस होता है।
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2015 में इस इंस्टिट्यूट ने एक रिसर्च पेपर पब्लिश किया। इस पेपर में दावा किया गया कि चमगादड़ में मौजूद कोरोना वायरस इंसानों में ट्रांसफर हो सकता है।
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दरअसल शोधकर्ताओं ने एक हाइब्रिड वायरस तैयार किया था जिसमें चमगादड़ के शरीर से निकला वायरस और सार्स वायरस मिश्रित थे।
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इस हायब्रिड वायरस को शोधकर्ताओं ने चूहों के शरीर में पनपाकर देखा था और रिजल्ट पाया था कि ये इंसानी शरीर को भी संक्रमित कर सकते हैं।
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2017 में इस इंस्टिट्यूट ने आगाह भी किया था युनान की गुफाओं में पाए जाने वाले चमगादड़ों से ये वायरस इंसानों में ट्रांसफर भी हो सकता है।
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युनान की गुफाओं में मौजूद चमगादड़ों पर पांच साल रिसर्च करने वाली एक टीम ने कहा था कि यहां से रिहायशी गांव 1 किमी से कम के दायरे में है और यहां से सार्स जैसा कोई वायरस फैल सकता है।
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चीन में संक्रमण का असर कम होने के बाद सबकुछ सामान्य होने लगा है। चीन में दुकानें खुलने लगी है। बताया जा रहा कि अब लॉकडाउन को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा।
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कोरोना वायरस का संक्रमण कम होते ही चीन में एक बार फिर जानवरों की मंडी खुल गई है। जिसके बाद दुनिया ने चीन के इस रवैये को लेकर नाराजगी जताई है।
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चीन में हुईं हैं 3331 मौतेंः चीन में जाचीन के वुहान शहर में शुरू हुए कोरोना वायरस ने जमकर कहर बरपाया था। चीन में कोरोना वायरस से 3331 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 81 हजार 770 लोग संक्रमित मिले थे।
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चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण से 77 हजार 167 लोग ठीक हो चुके हैं। जबकि 1242 लोग अभी भी हॉस्पिटल में भर्ती है। जिनका इलाज चल रहा है। सोमवार को चीन को वायरस के संक्रमण से राहत मिला। चीन में कोरोना वायरस का असर कम हुआ है सोमवार को एक भी मौत की खबर सामने नहीं आई है।
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दुनिया में कोरोना की स्थितिः दुनियाभर के 210 देशों में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 13 लाख 47 हजार 566 लोग संक्रमित हैं। जबकि 74 हजार 780 लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिका में कोरोना से सबसे अधिक 3.6 लाख पॉजिटिव मरीज हैं। यहां अब तक 10 हजाप 943 लोगों ने दम तोड़ दिया है।
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इटली में 16 हजार मौतेंः कोरोना की वजह से इटली सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां मरीजों की संख्या 1 लाख 32 हजार तक पहुंच गई है। जबकि 16 हजार 523 लोगों की मौत हो चुकी है। इटली में लॉकडाउन लागू किया जा चुका है। जिसके बाद से पूरी आबादी घरों में कैद है।
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स्पेन में तेजी से बढ़ रहा संक्रमणः कोरोना का संक्रमण स्पेन में कहर बरपा रहा है। स्पेन में संक्रमित मरीजों की संख्या 1 लाख 36 हजार तक पहुंच गई है। जबकि इस संक्रमण से अब तक 13 हजार 341 लोगों की मौत हो चुकी है।

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