बड़ी सफलता: कोरोना को काबू में करेगी ये नई दवा, वैक्सीन की भी नहीं पड़ेगी जरूरत
बीजिंग. कोरोना वायरस से अब तक दुनिया में 49 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। दुनिया के तमाम देश इसकी वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। लेकिन अभी तक किसी को कोई सफलता नहीं मिली है। इसी बीच चीन की एक लैब ने एक दवा बनाने का दावा किया है। दवा बनाने वाले वैज्ञानिकों का कहना है इससे कोरोना वायरस को काबू किया जा सकता है। इतना ही नहीं, इस दवा के बाद वैक्सीन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।
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वैज्ञानिकों का दावा है कि इस दवा से ना सिर्फ संक्रमित मरीज कम वक्त में ठीक हो जाएगा। बल्कि कुछ समय के लिए मरीज में इम्यूनिटी भी बढ़ जाएगी। अगर इस दवा का सफल ट्रायल हो जाता है तो यह बड़ी कामयाबी होगी।
चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी में इस दवा को बनाने का काम चल रहा है। चीन में अब संक्रमित मरीजों की संख्या काफी कम रह गई है, इसलिए वैज्ञानिकों का कहना है कि जल्द ही इसका परीक्षण ऑस्ट्रेलिया या अन्य देशों में लोगों पर किया जाएगा।
दिसंबर में चीन के वुहान में कोरोना का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद चार महीने के भीतर पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ गई हैं। अब कोरोना वैक्सीन बनाने में दुनिया के तमाम देश जुटे हैं।
जानवरों पर किया जा चुका परीक्षण: यूनिवर्सिटी के बीजिंग एडवांस्ड इनोवेशन सेंटर फॉर जीनोमिक्स के निदेशक सन्नी झी ने एएफपी को बताया कि जानवरों पर इस दवा का सफल ट्रायल किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जब ये दवा चूहे को दी गई तो 5 दिन के बाद उसमें वायरस लोड 2500 तक कम हो गया। यानी इस दवा ने अपना असर दिखाया।
झी ने बताया कि यह दवा न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी का इस्तेमाल कर इंसानों के शरीर में प्रतिरोधी तंत्र बनाती है। इससे कोशिकाएं वायरस से संक्रमित होने से बच सकती हैं। उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने इस दवा को बनाने के लिए ठीक हुए 60 मरीजों से एंटीबॉडी निकाला है।
रविवार को प्रकाशित इस रिसर्च में कहा गया है कि एंटीबॉडी का इस्तेमाल करके कोरोना का इलाज किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा, इस दवा से रिकवरी टाइम भी काफी कम हो रहा है। झी ने बताया कि एंटीबॉडी बनाने के लिए उनकी टीम दिन रात जुटी है। अभी इसका क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है।
इससे पहले बांग्लादेश में डॉक्टरों की एक टीम ने दावा किया कि उन्होंने कोरोना वायरस की दवा खोज ली है। उन्होंने कहा कि दवाओं के इस्तेमाल से कोरोना के लक्षण 3 दिन में खत्म हो गए और 4 दिन में मरीज ठीक हो गया।
डॉक्टरों की टीम में शामिल बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर डॉक्टर मोहम्मद तारेक आलम ने बताया, हमने 60 मरीजों पर इन दवाओं का इस्तेमाल किया और सारे मरीज ठीक हो गए। डॉक्टरों ने उन पर दो दवाओं के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया था।
डॉक्टर ने बताया कि दो दवाओं के कॉम्बिनेशन से मरीज का इलाज किया गया। पहली दवा है antiprotozoal के तौर पर इस्तेमाल होने वाली मेडिसिन Ivermectin थी। इस दवा के सिंगल डोज के साथ एंटीबायोटिक दवा Doxycycline दी गई। इन दो दवाओं का इस्तेमाल का मरीजों पर काफी अच्छा असर हुआ।
डॉक्टर ने दावा किया कि दवाओं के कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं। डॉक्टर तारेक ने कहा है कि पहले हमने उनका कोरोना टेस्ट करवाने को कहा। जब वो पॉजिटिव पाए गए तो उन पर इन दो दवाओं का इस्तेमाल किया गया। वो 4 दिन में ठीक हो गए।