इस देश के रहस्मय लैब में बना कोरोना का टीका, जानिए आखिर क्या है इसकी खासियत
यरुशलम. कोरोना वायरस के कहर के बीच सोमवार को एक अच्छी खबर आई है। इजरायल के रक्षा मंत्री नफताली बेन्नेट ने सोमवार को दावा किया कि उनके देश में कोरोना वायरस का टीका बन गया है। उन्होंने कहा कि देश के डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने कोरोना वायरस के एंटीबॉडी को तैयार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। लेकिन रक्षा मंत्री ने जिस लैब का नाम लिया, वह कोई साधारण लैब नहीं है। बल्कि इसे दुनिया में सबसे गोपनीय लैबों में जाता जाता है। आईए जानते हैं कि क्या हैं इस लैब की खासियतें...
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बताया जाता है कि इजरायल का डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट वही जगह है, जहां दुनिया से छिपकर जैविक और रासायनिक हथियार और इनसे बचने वाले सिस्टम बनाए जाते हैं। यहां भारी सुरक्षा इंतजाम भी रहता है।
कब बना था इंस्टीट्यूट: इजरायल का यह डिफेंस इंस्टीट्यूट 1952 में बना था। इसकी स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री के सलाहकार वैज्ञानिक अर्नेस्ट डेविड बेर्गमान ने की थी। इस इंस्टीट्यूट के बारे में कहा जाता है कि यह मेडिकल साइंस और संक्रामक बीमारियों से कैसे बचा जाए, इस पर काम करता है। कोरोना से निपटने के लिए वैक्सीन बनाने की जिम्मेदारी इजरायल ने इसी इंस्टीट्यूट को सौंपी।
अब देश के रक्षा मंत्री नफताली बेन्नेट ने बताया कि इंस्टीट्यूट ने कोरोना वैक्सीन बनाने में कामयाबी हासिल की है। उनका दावा है कि यह एंटीबॉडी मोनोक्लोनल तरीके से कोरोना वायरस पर हमला करती है और बीमार लोगों के शरीर के अंदर ही कोरोना वायरस का खात्मा कर देती है। बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस के वैक्सीन के विकास का चरण अब पूरा हो गया है।
इंस्टीट्यूट में बनते हैं जैविक और रासायनिक हथियार
इजरायल का यह इंस्टीट्यूट तेलअबीब से करीब 20 किमी दूरी पर नेस जिओना में स्थित है। यहां करीब 350 लोग काम करते हैं। इसमें से 150 देश के बड़े वैज्ञानिक हैं। इजरायल का डिफेंस इंस्टीट्यूट सीधे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को रिपोर्ट करता है। इसी से इसकी अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है। किसी भी संकट के समय में सरकारी एजेंसियां इसकी मदद लेती हैं।
जमीन के अंदर बनी है लैब
यह लैब दुनिया का सबसे रहस्मय लैबों में एक माना जाता है। इस लैब में ही इजरायल अपने जैविक हथियार और उनसे निपटने के लिए उपकरण बनाता है। इस लैब में ही इजरायल की खुफिया एजेंसी के लिए जहर भी तैयार किया जाता है। इसी जहर का इस्तेमाल इजरायल अपने दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए करती है। (प्रतीकात्मक फोटो)
इजरायल ने जैविक और रासायनिक हथियार बनाने के लिए जमीन के काफी भीतर यह लैब बनाई है। ब्रिटिश खुफिया अधिकारी गॉर्डन थॉमस के मुताबिक, इजरायल की यह लैब सुरक्षा घेरे में रहती है। यहां कंक्रीट की दीवार बनाई गई है। इसके अलावा कोई विमान इसके ऊपर से नहीं उड़ सकता है।
लैब में हाईटेक सुरक्षा इंतजाम
इजरायल की इस खुफिया लैब में हाईटेक सुरक्षा इंतजाम हैं। यहां दीवार के ऊपर सेंसर लगाए गए हैं। अगर कोई इसे फांदने की कोशिश करता है तो तुरंत उसकी सूचना मिल जाती है। इसके अलावा इंस्टीट्यूड में बड़ी संख्या में सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं। यहां तक की इस लैब की जानकारी को भी सार्वजनिक नहीं किया गया है। यहां काम करने वाले लोग कोड वर्ड और रेटिना स्कैन होने के बाद ही अंदर जा पाते हैं। इस लैब के दरवाजे भी बम प्रूफ बनाए गए हैं। इसके अलावा यहां हर दिन कोड बदले जाते हैं।