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- पाकिस्तान मे Eid पर गायों के साथ क्रूरता, बलि चढ़ाने से पहले क्रेन से लटकाकर झुलाया जाता है, देखिए शॉकिंग PICS
पाकिस्तान मे Eid पर गायों के साथ क्रूरता, बलि चढ़ाने से पहले क्रेन से लटकाकर झुलाया जाता है, देखिए शॉकिंग PICS
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ये तस्वीरें वायरल हो गई हैं, जिसमें लोग अपनी बलि की गायों को उठाकर ईद से पहले छतों से नीचे लाते हैं। अकसर ऐसा करते समय कई बार गायें क्रेन से नीचे गिरकर मर जाती हैं। (फोटो क्रेडिट: PPI)
एनिमल लवर्स का कहना है कि जब जानवर को इस तरह से क्रेन से नीचे लाया जाता है, तो वह न केवल ऊंचाई से भयभीत महसूस करता है, बल्कि उसके आसपास के लोग जब हल्ला मचाते हैं, तो वो तनाव में आ जाता है।
बता दें कि इस बार ईद 10 जुलाई को पड़ने की संभावना है। इसे लेकर अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। पाकिस्तान में ऐसी तस्वीरें सामने आने लगी हैं।
ईद अल-अधा इस्लाम में मनाई जाने वाले दो मुख्य त्यौहारों में दूसरा और सबसे बड़ा है। भारत सहित दुनियाभर में इसे मनाया जाता है।
गाय हिंदुओं के लिए पूज्य है, इसलिए भारत में इसकी बलि नहीं ली जा सकती है। हाल में प्रमुख इस्लामी संगठन जमीयत उलेमा( Jamiat Ulema, a key Islamic organisation) की असम इकाई ने मुसलमानों से ईद-उज-जुहा या बकरीद के अवसर पर गायों की बलि नहीं देने की अपील की है, ताकि हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत न हों। संगठन की राज्य इकाई के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि चूंकि 'कुर्बानी' त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए गायों के अलावा अन्य जानवरों की बलि दी जा सकती है।
भारत सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि बकरीद पर लोग सार्वजनिक रूप से पशुओं की कुर्बानी न दें। ऐसा करने पर कार्रवाई की जा सकती है।
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भारत में ईद-उज-जुहा या ईद के दौरान ऊंट, बकरी, भैंस, भेड़ और अन्य जानवरों की बलि देने और गायों की बलि से बचने की अपील की जा रही है। इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने 2008 में एक सार्वजनिक अपील जारी की थी कि त्योहार के अवसर पर 'कुर्बानी' (बलिदान) के हिस्से के रूप में गाय की बलि न दी जाए।