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ईद पर गायों की बलि देने वालों को इस मुस्लिम लीडर ने किया Alert, जानिए क्या दिया तर्क
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बदरुदीन अजमल का असम की पॉलिटिक्स में अच्छा दखल है। सेंट और परफ्यूम का बिजनेस करने वाले मौलाना अजमल कासमी 17वीं लोक सभा के सांसद हैं। वे 2019 में असम के धुबरी सीट से 'आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट' पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए थे। मौलाना अजमल सेंट-परफ्यूम का बिजनेस करते हैं। उनका कारोबार 50 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है। माना जाता है कि उनकी पार्टी AIUDF का बंगाली मूल के मुस्लिमों पर गहरा प्रभाव है।
कासमी लगातार तीन बार 2009, 2014 और 2019 लोक सभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं। 12 फरवरी, 1950 को नगांव में जन्मे कासमी ने 'दारुल उलूम देवबंद' से पढ़ाई की।
एक समय था, जब कांग्रेस सरकार ने इन्हें पहचानने से तक मना कर दिया था, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कासमी की पार्टी से गठबंधन करना पड़ा था।
इस तस्वीर में असम को प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए हजरत मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने बहरामपुर बाबा के मंदिर में जाकर प्रार्थना की थी।
करीब 66 वर्षीय अजमल कासमी ने 2005 में आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(AIUDF) की स्थापना की थी। उस समय 2006 में असम की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने अजमल को पहचानने से तक इनकार कर दिया था।
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2016 में असम के विधानसभा चुनावों में AIUDF को 14 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 19 सीटें। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में AIUDF की सीटें 3 से घटकर एक रह गई थीं। यानी अजमल अपनी पार्टी के अकेले सांसद बचे हैं।
यह तस्वीर पिछले दिनों की है। असम में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए अजमल अपनी टीम के साथ नाव लेकर निकल पड़े थे।