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WHO को अमेरिका अकेले 22% फंडिंग देता है... जानिए क्या ट्रम्प के रिश्ते तोड़ने से कंगाल हो जाएगा संगठन
वाशिंगटन. अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से सभी रिश्ते खत्म कर लिए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसका ऐलान करते हुए संगठन पर चीन के नियंत्रण होने का आरोप लगाया। अमेरिकी राष्ट्रपति पहले ही फंड रोकने का ऐलान कर चुके हैं। WHO को सबसे ज्यादा फंड अमेरिका ही देता था। ऐसे में अब कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या WHO अब कंगाल हो जाएगा?
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WHO क्या है?
WHO संयुक्त राष्ट्र की संस्था है, जो इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ की जिम्मेदारी निभाता है। मौजूदा वक्त में WHO कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभा रहा है। WHO की स्थापना 1948 में हुई थी। इसके 194 सदस्य देश हैं।
अमेरिका ने रिश्ता क्यों किया खत्म?
अमेरिका कोरोना वायरस से बुरी तरह जूझ रहा है। अब तक देश में 1 लाख से ज्यादा लोगों मौत हो चुकी है। महामारी से अमेरिका की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। ऐसे में ट्रम्प का पूरा गुस्सा चीन और WHO पर निकल रहा है। WHO और अमेरिका के बीच खटास की शुरुआत भी यही से हुई। ट्रम्प ने आरोप लगाया है कि दुनियाभर में कोरोना से हो रही मौतों के लिए WHO और चीन ही जिम्मेदार है। ट्रम्प ने कहा, चीन सिर्फ WHO को 4 करोड़ डॉलर देता है, इसके बाद भी उसका संगठन पर नियंत्रण है। अमेरिका 45 करोड़ डॉलर की मदद कर रहा है, इसके बाद भी WHO जरूरी सुधार में नाकाम रहा।
ट्रंप के निशाने पर था WHO
पिछले दिनों अमेरिका ने WHO को दी जाने वाली अपनी सहायता राशि पर रोक लगा दी थी, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने WHO पर कोरोना वायरस को पहचानने में फेल होने का आरोप लगाया था और चीन का साथ देने को लेकर आलोचना की थी। साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप ने WHO डायरेक्टर को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 30 दिन के भीतर संगठन में बड़े बदलाव करें। अन्यथा अमेरिका अपनी राशि को हमेशा के लिए बंद कर देगा और संगठन से अलग होने पर विचार कर सकता है।
चीन और WHO का कैसा है रिश्ता?
कोरोना वायरस को लेकर चीन और WHO की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसके बावजूद WHO लगातार चीन का समर्थन कर रहा है। टैड्रोस ऐडरेनॉम गैबरेयेसस ने 2017 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख के तौर पर कमान संभाली थी। बताया जाता है कि उन्हें इस पद तक पहुंचने में चीन ने मदद की थी। वे चीन की पैरवी के बाद इस पद तक पहुंचे थे। ऐसे में टैड्रोस चीन के पक्ष में फैसले लेते रहे हैं।
अमेरिका के हट जाने के बाद क्या कंगाल हो जाएगा WHO?
WHO को दो तरीकों असेस्ड और वॉलेंटरी कंट्रीब्यूशन के तहत फंड मिलता है। इन्हीं से विश्व स्वास्थ्य संगठन का खर्च चलता है।
असेस्ड फंड सदस्य देशों की ओर से दिया जाता है। यह देश की जनसंख्या और अर्थव्यवस्था के आधार पर मिलता है। वहीं, वॉलेंटरी फंड निश्चित कार्यक्रम के तहत मिलता है और इसका खर्च भी WHO उन्हीं कार्यक्रमों पर करता है। जैसे किसी देश ने कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए अगर फंड दिया है तो यह वैक्सीन बनाने पर ही खर्च होगा।
कितना फंड देता है अमेरिका?
विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका ही सबसे ज्यादा फंड देता है। WHO को मिलने वाले असेस्ड का 22% हिस्सा अमेरिका से ही मिलता है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमेरिका से खराब हुए संबंधों का असर सीधे तौर पर WHO पर पड़ेगा।