- Home
- World News
- कोरोना के कहर के बीच इन तीन शहरों पर मंडरा रहा बड़ा खतरा, गर्म हो रही जमीन; नीचे धधक रहा ज्वालामुखी
कोरोना के कहर के बीच इन तीन शहरों पर मंडरा रहा बड़ा खतरा, गर्म हो रही जमीन; नीचे धधक रहा ज्वालामुखी
जर्मनी. पूरी दुनिया पर कोरोना का कहर है। यूरोप पर भी अभी इस महामारी का संकट टला नहीं है। ऐसे में यूरोपीय देशों के लिए एक और खतरनाक खबर है। जर्मनी के तीन शहरों के नीचे ज्वालामुखी की सक्रियता काफी बढ़ गई है। जमीन के नीचे लावा का बहाव भी तेज हो गया है। ऐसे हालात पूरे पश्चिमी यूरोप में हैं। लेकिन सबसे ज्यादा खतरा जर्मनी के तीन शहरों पर बताया जा रहा है।

यूरोप से हाल ही में डाटा कलेक्ट किया गया है। इसके मुताबिक, यूरोप के नीचे ज्वालामुखी बहुत अधिक सक्रिय हुए हैं। यह रिपोर्ट जियोफिजिकल जर्नल इंटरनेशनल में भी प्रकाशित हुई है। यूरोप के उत्तर पश्चिमी हिस्सों में जमीन के नीचे काफी हलचल भी देखी गई है।
जर्मनी में इन शहरों के नीचे से लावा का बहाव तेज हुआ है। इससे पश्चिमी मध्य जर्मनी के तीन शहर आशेन, ट्रायर और कोबलेंज खतरे में आ गए हैं। ये तीनों शहर आइफेल रीजन में पड़ते हैं।
आइफेल रीजन में हजारों साल से ज्वालामुखी सक्रिय रह हैं। इन इलाकों में गोलाकार झीलें देखने को मिलती हैं। ये सभी ज्वालामुखी गतिविधियों से बनी हैं। इन्हें जर्मनी में मार्स कहते हैं।
इसी तरह से इस इलाके में यहां की सबसे बड़ी झील लाशेर सी बनी थी। बताया जाता है कि 13 साल पहले एक बहुत बड़ा विस्फोट हुआ था। उससे यह झील बनी।
प्रोफेसर कॉर्न क्रीमर ने कहा, दुनिया भर के ज्यादातर वैज्ञानिकों का मानना है कि आइफेल जोन में ज्वालामुखी गतिविधियां खत्म हो गई हैं। लेकिन फिर भी सभी बिंदुओं पर गौर करें तो उत्तर पश्चिम यूरोप की जमीन के नीचे स्थिति बहुत खतरनाक हो सकती है।
क्रीमर ने बताया, आइफेल क्षेत्र में इतनी तेजी से बदलाव हो रहा है कि यह आसानी से पता चल रहा है। इस रीजन में आने वाले बेल्जियम, नीदरलैंड्स और लिमबर्ग में भी जमीन ऊपर उठ रही है।
प्रोफेसर ने बताया, उन्हें स्टडी में बता चला है कि आइफेल रीजन की जमीन के नीचे लगातार लावा बह रहा है। यानी ऊपर क्षेत्र सक्रिय ज्वालामुखी के ऊपर बैठा है।
जमीन के नीचे लगातार बह रहे लावा की वजह से इस इलाके में ज्वालामुखी ही नहीं फटेगा बल्कि इस इलाके में भूकंप आ सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा, यह संकट हाल ही में नहीं आएगा। लेकिन हमें इससे सतर्क रहने की जरूरत है।