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कोरोना से जीत गया यह देश, 50 लाख की आबादी में 1.5 लाख लोगों के टेस्ट, 2 दिन से सामने नहीं आया कोई केस
वेलिंग्टन. दुनिया कोरोना वायरस के संकट से जूझ रही है। वहीं, न्यूजीलैंड से राहत भरी खबर सामने आई है। यहां पिछले दो दिनों से कोरोना के एक भी केस सामने नहीं आए हैं। जिसके बाद प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न ने लोगों की सराहना की है। उन्होंने लॉकडाउन के नियमों के लिए लोगों की आभार जताया है। यहां सरकार ने 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किया था। जिसके बाद यह अब तक 1487 मरीज सामने आए हैं। जबकि सिर्फ 20 लोगों की मौत हुई है। वहीं, अब स्थिति है कि यहां सिर्फ 4 मरीजों का ही इलाज चल रहा है। हालांकि भारत में भी 25 मार्च को ही लॉकडाउन लागू किया गया था।
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प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के नेताओं से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने नियमित ट्रांस-तस्मान यात्रा को फिर से शुरू करने पर भी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि दो दिन से संक्रमण के एक भी केस नहीं आना न्यूजीलैंड के लोगों के लिए हमारे लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता और अनुशासन का प्रदर्शन है।
50 लाख की अबादी वाले देश में हुए डेढ़ लाख टेस्ट
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने यहां भारी संख्या में टेस्टिंग कराई। 50 लाख की अबादी वाले इस देश में 1 लाख 53 हजार लोगों की जांच कराई गई। इस दौरान 1137 कंफर्म केस सामने आए। जबकि 350 संदिग्ध मिले उन्हें भी संक्रमित के ही श्रेणी में रखा गया है।
फरवरी में ही चीन से आने वाले यात्रियों की एंट्री पर रोक
न्यूजीलैंड में कोरोना का पहला मरीज 28 फरवरी को मिला था। लेकिन, उससे पहले से ही सरकार ने इससे निपटने की तैयारियां शुरू कर दीं। 3 फरवरी से ही सरकार ने चीन से न्यूजीलैंड आने वाले यात्रियों की एंट्री पर रोक लगा दी थी।
इसमें न्यूजीलैंड के नागरिकों और यहां के परमानेंट रेसिडेंट को छूट थी। इसके अलावा, जो लोग चीन से निकलने के बाद किसी दूसरे देश में 14 दिन बिताकर आए, उन्हें ही न्यूजीलैंड में आने की इजाजत थी।
इसके बाद 5 फरवरी को ही न्यूजीलैंड ने चीन के वुहान में फंसे अपने यात्रियों को चार्टर्ड फ्लाइट से रेस्क्यू कर लिया। इनमें 35 ऑस्ट्रेलियाई नागरिक भी थे। इन सभी लोगों को आर्मी के बनाए क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन रखा गया। जहां टेस्टिंग और क्वारंटाइन पीरियड पूरा होने के बाद उन्हें घर जाने दिया गया।
20 मार्च से विदेशी नागरिकों की एंट्री बैन
न्यूजीलैंड की सरकार ने 20 मार्च से ही विदेशी नागरिकों की एंट्री पर रोक लगा दी थी, जबकि भारत में 25 मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हुईं।
4-लेवल अलर्ट सिस्टम बनाया, बहुत पहले ही लॉकडाउन लगाया
23 मार्च को न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में अभी कोरोना के 102 मामले हैं। लेकिन, इतने ही मामले कभी इटली में भी थे।'
ये कहने का मकसद एक ही था कि अभी नहीं संभले तो बहुत देर हो जाएगी।’ वहां की सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए 4-लेवल अलर्ट सिस्टम बनाया। इसमें जितना ज्यादा लेवल, उतनी ज्यादा सख्ती, उतना ज्यादा खतरा।
21 मार्च को जब सरकार ने इस अलर्ट सिस्टम को इंट्रोड्यूस किया, तब वहां लेवल-2 रखा गया था। उसके बाद 23 मार्च की शाम को लेवल-3 और 25 मार्च की दोपहर को लेवल-4 यानी लॉकडाउन लगाया गया। जिसके बाद 26 अप्रैल से वहां लेवल-4 से लेवल-3 लागू कर दिया गया है। न्यूजीलैंड में जब लॉकडाउन लगा तब वहां कोरोना के 205 मरीज थे।
कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की
न्यूजीलैंड में अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिलता, तो वहां की सरकार 48 घंटे के अंदर उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी करती है। यानी, किसी व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर उसके सभी करीबी रिश्तेदारों-दोस्तों को कॉल किया जाता था और उन्हें अलर्ट किया जाता था। ऐसा इसलिए ताकि लोग खुद ही टेस्ट करवा लें या सेल्फ-क्वारैंटाइन में चले जाएं।
लॉकडाउन तोड़ने वालों पर सख्ती, तुरंत एक्शन
25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद भी कुछ लोग घरों से बाहर निकल रहे थे। इनमें ज्यादातर यंगस्टर्स थे। इस पर प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डन ने समझाइश दी कि देश में कोरोना के ज्यादातर मामले 20 से 29 साल के लोगों में आ रहे हैं। अगर आप घर से बाहर निकलेंगे तो आपको कोरोना होने के चांस ज्यादा हैं।