कट्टरपंथियों के खौफ में पाकिस्तान; तालिबान की राह पर TLP, देखें कुछ Shocking Pictures
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प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान(TLP) ने इमरान खान सरकार के सामने राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया है। पाकिस्तान में इमरजेंसी जैसे हालात हैं। पैगम्बर की बेअदबी के मामले में फ्रांस के एम्बेसडर(French ambassador) को देश से बाहर निकालने सहित 4 मांगों को लेकर TLP ने राजधानी इस्लामाबाद से कुछ किमी दूर हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उसे रोकने सरकार अब सख्ती पर उतर आई है।
TLP के हिंसक प्रदर्शन को रोकने पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार(Usman Buzdar) ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEAs) को फ्री हैंड दिया है। गुरुवार को एक उच्चस्तरीय मीटिंग (high-level meeting) में बुजदार ने यह आदेश दिए।
बता दें कि TLP के हिंसक प्रदर्शन के दौरान 27 अक्टूबर से अब तक 6 पुलिसकर्मी मारे गए हैं। कई घायल हैं। TLP के हजारों आंदोलनकारी गुजरावालां शहर तक पहुंच गए हैं। वे लगातार इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे हैं।
पाकिस्तान (Pakistan) आर्थिक तौर पर दिवालिया होने की कगार पर तो है ही, आतंरिक सुरक्षा को लेकर इस मुल्क का खस्ता हाल है। कट्टरपंथी सरकार पर हावी होते जा रहे हैं।
TLP की स्थापना 2015 में खादिम हुसैन रिजवी ने की थी। खादिम की पिछले साल अक्टूबर में मौत हो गई थी। अब उनका बेटा साद रिजवी इसकी कमान संभालता है। हालांकि यह पिछले 6 महीने से जेल में बंद है।
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख रशीद (Interior Minister Sheikh Rashid Ahmed) ने गुरुवार को TLP से आग्रह किया कि वे सरकार के साथ किए अपने वादे निभाएं। हालांकि उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि आंदोलनकारियों को इमरान खान की सरकार बंधक नहीं बनाने देंगे।
TLP अफगानिस्तान की तर्ज पर पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करने के पक्ष में है। इसके पाकिस्तान में लाखों समर्थक हैं। TLP इमरान खान को भी कुर्सी से हटाना चाहती है। कहा जा रहा है कि TLP को सेना का भी पीछे से समर्थन है।
आंदोलन को देखते हुए सड़कों पर कंटेनर रखकर रास्ता रोका गया है। कई जगह गड्ढे खोद दिए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षण संस्थान, कार्यालय, बैंक और शॉपिंग मॉल बंद रहने से कई सड़कों को दूसरे दिन भी बंद रखा गया है। TLP कार्यकर्ताओं ने गुजरांवाला जिले में जीटी रोड को भी दोनों तरफ से जाम कर दिया है।