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कौन हैं बिहार के अभय सिंह जो पुतिन सरकार में हैं MLA, जिन्होंने बताया आखिर रूस ने यूक्रेन पर अटैक क्यों किया
पटना : यूक्रेन और रूस में चल रहे जंग (Russia Ukraine War) के बीच भारतीय मूल के रूसी विधायक डॉ. अभय कुमार सिंह (Abhay Kumar Singh) का एक बयान खूब चर्चा का विषय बन गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की पार्टी के नेता अभय सिंह ने इसे सैन्य अभियान बताया है। उन्होंने यूक्रेन पर जारी इस कार्रवाई की तुलना 'सर्जिकल स्ट्राइक' से की है। अभय सिंह ने कहा कि यूक्रेन को जीतना रूस जैसे देश के लिए केवल एक दिन का काम है। सारी दुनिया इसे युद्ध कह रही है, लेकिन रूस इसे केवल अपनी सेना का ऑपरेशन बता रहा है। बिल्कुल उसी तरह जैसी कि भारत ने बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। रही बात यूक्रेन में मारे गए भारतीय छात्र की तो यह यूक्रेन की भारत के खिलाफ बदले की कार्रवाई है। डॉ. अभय सिंह के इस बयान के बाद उनकी खूब चर्चा हो रही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि डॉ. अभय सिंह का जन्म बिहार (Bihar) में हुआ था और अब वह पुतिन सरकार में विधायक हैं। जानिए अभय सिंह के बारे में सबकुछ..
| Published : Mar 02 2022, 02:37 PM IST / Updated: Mar 02 2022, 02:39 PM IST
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बिहार में जन्म
डॉ. अभय का जन्म बिहार के पटना में हुआ था। पटना में लोयोला हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और 1990 के दशक की शुरुआत में मेडिसीन की पढ़ाई करने के लिए रशिया के कुर्स्क चले गए। इसके बाद वो वापस भारत प्रैक्टिस करने तो आए लेकिन जल्द ही वापस रूस चले गए। वहां जाकर उन्होंने बिजनेस में हाथ आजमाया और जैसे-जैसे अभय के पैर रूस में जमते गए व्यापार में भी बढ़ोत्तरी हुई। फार्मा, रियल एस्टेट में उन्होंने हाथ आजमाया और फिर रसूख बढ़ने के साथ राजनीति में एंट्री की।
कुर्स्क से चुनाव जीता
अभय सिंह का राजनीति से सामना पहली बार 2012 में हुआ जब रूस में तत्कालीन भारतीय राजदूत अजय मल्होत्रा ने कुर्स्क शहर के बीचों बीच स्थित उरल्स्की व्यापार केंद्र का उद्घाटन किया। अभय कुमार सिंह इस मॉल के मालिक हैं।‘यूनाइटेड रशा’ रूस की सत्ताधारी पार्टी है जिसने हाल के आम चुनावों में देश की संसद (दूमा) में 75 फीसदी सांसद भेजे हैं। डॉ. अभय ने 2015 में पुतिन की पार्टी ज्वॉइन की। इसके बाद 2018 में उन्होंने वेस्टर्न रशिया के कुर्स्क से चुनाव जीता और डेप्युटेट बन गए।
यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई पर ये भी कहा
अभय सिंह ने कहा कि अगर चीन बांग्लादेश में अपना सैन्य अड्डा स्थापित करता है तो भारत कैसी प्रतिक्रिया देगा? स्पष्ट है कि भारत इसे किसी हाल में पसंद नहीं करेगा। इसी तरह नाटो रूस के खिलाफ बनाया गया था और सोवियत संघ के टूटने के बावजूद यह विघटित नहीं हुआ। यह धीरे-धीरे रूस के करीब आ गया। यदि यूक्रेन नाटो में शामिल हो जाता है तो यह नाटो बलों को हमारे करीब लाएगा, क्योंकि यूक्रेन हमारा पड़ोसी देश है। यह समझौते का उल्लंघन होगा। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी संसद के पास कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
यूक्रेन में नहीं इस्तेमाल होगा परमाणु हथियार
डॉ. सिंह ने यूक्रेन पर परमाणु हमले की अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों के अभ्यास का उद्देश्य किसी अन्य देश द्वारा रूस पर हमला करने पर जवाब देना था। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है। राष्ट्रपति पुतिन ने घोषणा की है कि परमाणु अभ्यास केवल उन लोगों को जवाब देने के लिए था, जो रूस पर हमला करने की मंशा रखते हैं।
नागरिकों पर हमला नहीं करेगा रूस
अभय सिंह ने कहा कि यूक्रेनी लोगों को हताश करने के लिए वहां सायरन बजाए जा रहे हैं। यह रणनीति का हिस्सा है। रहवासी इलाके में रूस कभी भी हमला नहीं करेगा, बशर्ते वहां के सैनिक अपने नागरिकों के पीछे छिपकर हमला न करें। अगर सैनिक ऐसा करेंगे तो फिर उन पर पूरी जवाबी कार्रवाई की जाएगी।
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