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Murree snowfall: मौसम विभाग ने alert तक जारी नहीं किया, लोग रोते रहे; पर होटलों को सिर्फ कमाई की पड़ी थी
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इस्लामाबाद के एक पर्यटक 18 वर्षीय दुआ काशिफ ने बताया कि उन्हें सरकार या मौसम विभाग से कोई अलर्ट नहीं मिला। तूफान के दौरान स्थानीय लोगों ने पर्यटकों की मदद की। 47 वर्षीय एक पर्यटक काशिफ इशाक याद करते हुए कहते हैं कि यहां के लोग सचमुच रो रहे थे।
इशाक शुक्रवार रात अपनी बेटी दुआ काशिफ अली के साथ यहां पहुंचे थे। बर्फीले तूफान के बीच उन्होंने अपने 13 अन्य परिजनों और दोस्तों के साथ तीन फंसी हुई कारों को छोड़ दिया था और फिर 1.5 किलोमीटर पैदल चलकर एक गेस्ट हाउस में पहुंचे। स्थानीय लोगों ने पर्यटकों की मदद की। उन्हें मुफ्त में खाना खिलाया और ठहरने का इंतजाम किया। हालांकि ज्यादातर पर्यटकों का कहना है कि होटल बहुत महंगे थे। उन्हें सेना के शिविर में जाने के लिए मजबूर किया गया। इससे उन्हें कारों में रात गुजारनी पड़ी।
(तस्वीर में साफ देख सकते हैं कि कैसे सेना ने रेस्क्यू किया और बर्फबारी से जानवर भी बेहाल हो गए)
इस घटना को मेजर मुहम्मद उमर एक प्राकृतिक आपदा मानते हैं। उनके अनुसार, कोई बिजली नहीं थी, कोई गैस नहीं थी, कोई टेलीफोन नहीं था, कुछ भी काम नहीं कर रहा था।
कई पाकिस्तानियों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की कि होटल व्यवसायियों ने फंसे हुए ग्राहकों को भुनाने के लिए कीमतें बढ़ा दीं, जिससे उन्हें कारों में सोने के लिए मजबूर किया गया।
www.dawn.com ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है। इसके अनुसार, मुर्री हादसे के लिए सरकार को दोषी ठहराया है। कहा जा रहा है कि सरकार की अनदेखी के कारण यहां कई अवैध होटल और अपार्टमेंट बनते चले गए। कचरे का सही प्रबंधन और और खराब अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली(waste management system) के कारण चारों तरफ बदबूदार सीवेज बह रहे हैं। यानी मुख्यधारा के इस पर्यटन स्थल को नष्ट किया जा रहा है।
www.dawn.com में पब्लिश एक आर्टिकल में मुर्री हादसे के बाद सुझाव दिया जा रहा है कि सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण मुरी को एक सशक्त और स्वायत्त मुर्री विकास प्राधिकरण (Murree Development Authority) के तहत लाया जाना चाहिए। प्राधिकरण कुछ दशक पहले अस्तित्व में था, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया था। 2000 के दशक के शुरुआती निर्माण के बाद मुर्री में अगले 15 वर्षों तक निर्माण कार्यों पर बैन था। लेकिन पिछले 3 सालों में यहां अनियमित निर्माण होते चले गए।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने हादसे पर दु:ख जताया और इस तरह की त्रासदियों की रोकथाम के लिए जांच और कड़े नियम बनाने का आदेश दिया। लेकिन लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है।
मर्री में भीषण बर्फबारी में 23 पर्यटकों की ऑक्सीजन, खाने और पानी की कमी से मौत के बावजूद सूचना मंत्री फवाद चौधरी का शर्मनाक बयान सामने आया है। चौधरी ने कहा कि जो लोग बर्फ का आनंद लेना चाहते हैं, वे बर्फ का स्प्रे खरीद लें और घर में ही एक-दूसरे के ऊपर छिड़क लें।
पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने एक बयान में मृतकों की संख्या 23 होने की पुष्टि की है। मंत्री ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि हालात को सिर्फ 'प्राकृतिक आपदा' कहा जा सकता है।