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जा जेहरा जी ले अपनी जिंदगी: इस बुर्के वाली लड़की की Love Story से पाकिस्तान में इतना हंगामा क्यों है बरपा?
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पुलिस ने दुआ को 26 अप्रैल को पकड़ा था। लेकिन लाहौर की एक कोर्ट ने उसे कहीं भी जाने की आजादी दी थी। लेकिन दुआ के अब्बू-अम्मी अड़े रहे कि दुआ का किडनैप किया गया था और वो नाबालिग है। उन्होंने पिछले महीने पंजाब की कोर्ट के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
दुआ के अब्बू मेहदी काजमी ने याचिका में दुआ के एजुकेशन संबंधी डाक्यूमेंट, बर्थ सर्टिफिकेट और अन्य रिकॉर्ड पेश किए थे। इसमें दुआ की उम्र 13 साल दशाई गई है। इस लिहाज से सिंध बाल विवाह प्रतिबंध अधिनियम 2013(Sindh Child Marriage Restraint Act, 2013) के तहत नाबालिग या कम उम्र में निकाह गैर कानूनी है।
दुआ के अब्बू ने कोर्ट से अपनी बेटी की मेडिकल जांच कराने की मांग की थी। लेकिन बाद के दिनों में कराची पुलिस दुआ को अदालत में पेश करने में विफल रही, जिससे जज नाराज हो उठे थे। इसके बाद पुलिस फिर सक्रिय हुई और रविवार को दुआ और जहीर को बहावलनगर के चिश्तियां से बरामद कर कराची लाया गया।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि लड़की जिसके साथ रहना चाहे, रह सकती है। सबूतों को देखने के बाद इसमें किडनैपिंग का केस नहीं बनता। फैसला सुनाए जाने से पहले दुआ के अब्बू-अब्बा ने कोर्ट से 10 मिनट के लिए अपनी बेटी से मिलने की परमिशन मांगी। यहां बेटी से मिलकर दोनों फूट-फूटकर रो पड़े।
कुछ दिन पहले दुआ जेहरा काजमी( Dua Zehra Kazmi) और उसके 21 वर्षीय प्रेम जहीर अहमद ने एक वीडियो वायरल किया था। इसमें दुआ ने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि उसे अपने अब्बू-अम्मी से जान का खतरा है। सिंध और पंजाब पुलिस उसे परेशान" कर रही है।
बता दें कि पाकिस्तान में शिया मुस्लमानों की आबादी 20% है। पाकिस्तानी मीडिया ने दुआ के अम्मी-अब्बू के हवाले से कहा कि आरोप है कि मस्जिदों ने शिया मुस्लिम होने के कारण उनकी मदद करने से मना कर दिया था।