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Afghanistan में जानवरों से भी बदतर हो चली हैं जिंदगियां; न 1992 में टॉर्चर रुका और न अब, मासूम भी शिकार
काबुल. Afghanistan में Taliban की वापसी ने फिर से 1996 से लेकर 2001 के जख्म तरोताजा कर दिए। उस दौरान अपने शासनकाल में भी तालिबान ने लोगों को बेइंतहा टॉर्चर किया और अब फिर से अफगानिस्तान में लोगों का जीवन नरक बन गया है। तालिबान की क्रूरता की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। social media पर रोज ऐसी तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, जो दिखाती हैं कि तालिबान क्या बड़े-बूढ़े, मर्द-औरत और क्या बच्चे; सब पर अपनी जबरिया हुकूमत चलाना चाहता है।
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पहली फोटो काबुल-1992, जबकि दूसरी हैरात-1992 की है। ये तस्वीरें स्टीव मैककरी(Steve McCurry) ने अपने twitter हैंडल पर पिछले दिनों शेयर की है। इसमें लिखा गया-मैं उस युद्ध की तस्वीर खींच रहा था जो रूसियों के अफगानिस्तान से हटने के बाद की है। काबुल पर हमले के बाद जब ये तस्वीरें खींच रहा था, तब बिना किसी चेतावनी के रॉकेट हमला शुरू हुआ। तब वहां मानसिक रूप से बीमार लोगों के लिए बनाए गए अस्पताल की मैं फोटोग्राफी कर रहा था।
तीसरी तस्वीर मसूद अंदाराबी (Masoud Andarabi) ने अपने twitter हैंडल पर शेयर की है। उन्होंने लिखा-तालिबान छोटे बच्चों और बुजुर्ग नागरिकों को आतंकित करके, उन्हें मारकर लोगों पर शासन करने की कोशिश कर रहा है। तालिबान इस तरह की कार्रवाइयों से देश पर शासन नहीं कर सकता। अंदराब में तालिबान घरों की अनुचित तलाशी ले रहा है, लोगों को बिना कारण या औचित्य के पकड़ रहा है। तालिबानी परिवार के सामने बच्चों की हत्या कर रहे हैं। बता दें कि अंदाराबी अफगानिस्तान के पूर्व गृहमंत्री रहे हैं।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से अभी तक 88 हजार के करीब लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस की प्रिंसिपल डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी कैरीन जॉ पियर ने ट्वीट कर बताया कि 14 अगस्त से अभी तक अमेरिका ने अपने और सहयोगी देशों के सैन्य विमानों से 82 हजार 300 लोगों को बाहर निकाला गया है। इधर, भारत भी लगातार अपने लोगों को बाहर निकाल रहा है। काबुल हवाई अड्डे पर ऐसा माहौल देखने को मिलता है।
अफगानिस्तान के पूर्व गृहमंत्री मसूद अंदाराबी (Masoud Andarabi) ने अपने twitter हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा कि घर में सो रहे बुजुर्गों को गोली मारी जा रही है। बच्चों की हत्या हो रही है। बात दें कि अंदाराबी को इसी मार्च में राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बर्खास्त कर दिया था।
अफगानिस्तान के पूर्व गृहमंत्री मसूद अंदाराबी ने कुछ और तस्वीरें भी शेयर की हैं, जो पंजशीर प्रांत की हैं। यहां तालिबानी के डर से लोग बच्चों को लेकर अपना घर-बार छोड़कर जाते देखे जा सकते हैं।
यह तस्वीर स्टीव मैककरी(Steve McCurry) ने अपने twitter हैंडल पर शेयर की है। यह तस्वीर 1992 की है, जब आज की तरह ही खून-खराबा फैला हुआ था। तालिबान ने 1996 से लेकर 2001 अफगानिस्तान पर शासन किया था। इसमें कहा जा रहा है कि एक बार फिर से बच्चों पर जुल्म हो रहे हैं। उनकी हत्या की जा रही है।