3000 साल से रहस्य बनी हुई है तूतेनखामेन की ममी, 10 साल में बन गया था मिस्र का राजा
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मिस्र की मिनिस्ट्री ऑफ ऑर्कियोलॉजी ने 2 साल पहले तूतेनखामेन की कब्र को लेकर कई खुलासे किए थे। तूतेनखामेन का महल मिस्र में जिस जगह पर है, उसे वैली ऑफ द किंग्स कहते हैं। चूंकि तूतेनखामेन की मौत कम उम्र में हो गई थी, इसलिए उसका कोई उत्तराधिकारी भी सामने नहीं आ सका। तूतेनखामने की कब्र वही हैं, जहां उसका महल था।
तूतेनखामने की कब्र को रेनोवेट किया गया है। उसे ठीक वैसा ही बनाने की कोशिश की गई है, जैसा कि 3000 साल पहले था। कब्र की दीवारों पर ब्राउन गड्ढे भी रहस्य बने हुए हैं। माना जा रहा है कि जब किसी ने यहां की कब्र खोलने की कोशिश की, उसे खौफनाक मौत मिली। कहते यह भी हैं कि इन लोगों की मौत दीवार पर सिर पटकने से हुई, जिससे ये गड्ढे बने। कुछ सबूत इन गड्ढों की वजह जीवाणु होना बताते हैं।
बता देंकि तूतेनखामेन की मौत किसी रहस्यमयी बीमारी के चलते हुई थी। 16 फरवरी 1922 को ब्रिटिश ऑर्कियोलॉजिस्ट हॉवर्ड कार्टर ने इसे खोजा था। उस समय मिस्र इंग्लैंड के कब्जे में था। तब यहां जॉर्ज कारनारवन राज करता था। उसने ही हॉवर्ड को तूतेनखामेन की कब्र में दफन खजाना खोजने का काम सौंपा था।
कहते हैं कि जब कोई राजा मरता था, तो उसकी कब्र में ममी के साथ उसके ऐशो-आराम के लिए सोने-चांदी की वस्तुएं रखी जाती थीं। तूतेनखामेन की ममी के साथ तीन ताबूत मिले। एक ताबूत सोने का बना था। फिलहाल कब्र से मिलीं इन बहुमूल्य चीजों को म्यूजियम में रखा गया है।
मिस्र में और भी कई ममियां मिलती रही हैं। लेकिन तूतेनखामेन की ममी ऐसी इकलौती है, जिसकी हड्डियां और कब्र का ज्यादातर सामान सही-सलामत मिला। कहते हैं कि हॉर्वड के जिस साथी ने तूतेनखामेन की कब्र का दरवाजा खोला था, उसकी मौत हो गई थी। इसलिए इसे कब्रों को भूतिया माना जाने लगा।
1968 में तूतेनखामेन की ममी का एक्स-रे किया गया था। इससे पता चला कि उसकी हड्डी का एक टुकड़ा खोपड़ी में धंसा हुआ है। इससे आशंका जताई गई कि उसकी हत्या की गई होगी। हालांकि 2010 की स्टडी ने मौत की वजह मलेरिया को माना था।