लॉकडाउन के बीच मौलाना के जनाजे में शामिल हुए हजारों लोग, थाना प्रभारी निलंबित
ढाका. कोरोना वायरस के कारण अब तक दुनिया में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही 23 लाख से अधिक लोगो में संक्रमण की पुष्टि हुई है। ऐसे में संक्रमण चेन को तोड़ने के लिए दुनिया के करीब 115 देशों ने अपने-अपने देशों में लॉकडाउन की घोषणा की है। बांग्लादेश में भी लॉकडाउन चल रहा है। लेकिन इसे ताक पर रखते हुए एक मौलाना के जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए। अब सरकार ने इस गलती के लिए एक पुलिस ऑफिसर को हटा दिया है।
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बता दें कि कोरोना वायरस फैलने के खतरे को देखते हुए बांग्लादेश में भी लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि जनाजे में लोगों को एकत्रित होने की अनुमति देने पर ब्राह्मणबारी में सरैल पुलिस थाना प्रभारी शहादत हुसैन टीटू को हटा दिया गया है। टीटू ने भीड़ को एकत्रित होने से रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाए जिसके चलते उन्हें हटाया गया।
बांग्लादेश खिलाफत मजलिस के नायब-ए-अमीर अंसारी का सरैल उप जिले में स्थित बर्ताला गांव में निधन हो गया था। उनके निधन से कुछ दिन पहले ही सरकार ने घोषणा की थी कि कोविड-19 महामारी देश के लिए बड़ा खतरा है। ऐसे में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखे और अपने अपने घरों में रहें। लेकिन फिर भी अंसारी के जनाजे में भारी भीड़ जुटी।
अब लोग इस घटना के लिए सरकार की जमकर आलोचना कर रहे हैं। प्रख्यात लेखिका तस्लीमा नसरीन ने ट्वीट कर कहा- बांग्लादेश के ब्राह्मणबारी में लॉकडाउन के नियम तोड़ते हुए मौलाना जुबैर अहमद अंसारी के जनाजे में 50 हजार लोग एकत्रित हुए। मूर्ख सरकार ने इन मूर्ख लोगों को रोकने की कोशिश भी नहीं की।
पुलिस अधीक्षक मोहम्मद आलमगीर हुसैन ने कहा कि उन्होंने मदरसा अधिकारियों से जनाजे के दौरान सामाजिक दूरी बनाने और सभी एहतियाती उपाय करने का आग्रह किया था। लेकिन हमने यह नहीं सोचा था कि भीड़ इतनी ज्यादा होगी। भारी भीड़ के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी इसलिए पुलिस कुछ नहीं कर पाई।