- Home
- World News
- दुनिया के 75% सक्रिय ज्वालामुखी के मुहाने पर बैठा है यह देश, हर साल आते हैं भयंकर भूकंप और सुनामी
दुनिया के 75% सक्रिय ज्वालामुखी के मुहाने पर बैठा है यह देश, हर साल आते हैं भयंकर भूकंप और सुनामी
इंडोनेशिया में फिर भूकंप आया। इसमें 35 लोगों की जान चली गई। रिक्टर स्केल पर 6.2 तीव्रता का यह भूकंप सुलावेसी प्रांत में 15 जनवरी, 2021 को आया। झटके इतने जबर्दस्त थे कि मकान पत्ते की तरह ढह गए। इस आपदा में 600 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राज्य के गवर्नर मोहम्मद इदरीस ने माना कि रेस्क्यू टीमों को घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। यहां कुछ दिनों से जारी बारिश के चलते लैंडस्लाइड भी हो रही है। बता दें कि सुलावेसी प्रांत का बड़ा हिस्सा दलदली है। यहां जिंदगी जीना मौत से पलपल लड़ने जैसा है। आइए जानते हैं कि इंडोनेशिया में ही सबसे अधिक भूकंप क्यों आते हैं, साथ में देखिए ताजा भूकंप के बाद की कुछ तस्वीरें...
| Published : Jan 15 2021, 03:36 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
इंडोनेशिया में करीब 17000 द्वीप हैं। यहां करीब 130 सक्रिय ज्वालामुखी हैं। यहां भूकंप आना आम बात है। बता दें कि इंडोनेशिया में हर साल भूकंप और उसके बाद सुनामी आती है। 2004 में भूकंप के बाद इतनी जबर्दस्त सुनामी आई थी कि हिंद महासागर के तटीय इलाके तबाह हो गए थे। इसमें करीब सवा दो लाख लोग मारे गए थे। इनमें सवा लाख लोग सिर्फ इंडोनेशिया के थे। 2008 में भी यहां 7.5 तीव्रता वाला भूकंप आया था। इसमें 1200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
इंडोनेशिया फायर आफ रिंग पर मौजूद है। इसी वजह से यहां अकसर भूकंप आते रहते हैं। रिंग्स ऑफ फायर प्रशांत महासागर की घाटी का मुख्य हिस्सा है। यह 4000 किमी एरिया में फैला है। यहां अकसर ज्वालामुखी फटते रहते हैं। इसकी वजह से भूकंप और सुनामी आते रहते हैं।
फोटो क्रेडिट-AP
रिंग्स ऑफ फायर (Rings of Fire) यानी ज्वालामुखीय व भूकम्पीय श्रृंखला है। यहां करीब 450 ज्वालामुखी हैं। यानी दुनिया के 75% सक्रिय ज्वालामुखी इसी रिंग ऑफ फायर में पाए जाते हैं।
फोटो क्रेडिट-BASARNAS
रिंग्स ऑफ फायर घोड़े के नाल (Horseshoe shaped) के आकार वाला क्षेत्र है। यह प्रशांत महासागर में दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका महाद्वीप से लेकर पूर्वी एशिया, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड तक फैला हुआ है।
फोटो क्रेडिट-EPA-EFE
इंडोनेशिया भी इसी 'रिंग्स ऑफ फायर' पर मौजूद होने से प्राकृतिक आपदाओं का शिकार होता रहता है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 11,700 सालों में हुए 25 सर्वाधिक विनाशकारी ज्वालामुखी ‘रिंग्स ऑफ़ फायर’ में ही आए।
फोटो क्रेडिट-AFP/Firdaus
रिंग्स ऑफ फायर में ज्वालामुखी आने की वजह इसका क्षेपण मंडल (Subduction Zone) में स्थित होना है। क्षेपण मंडल को आप सरल भाषा में कह सकते हैं कि भूगर्भीय प्रक्रिया। यहां स्थलमंडलीय (Lithospheric) प्लेटें आपस में टकराती हैं।
फोटो क्रेडिट-AFP/Firdaus
स्थलमंडलीय प्लेटें(Lithospheric) पृथ्वी के ऊपरी सतह पर मौजूद ठोस परते हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तो जमीन नीचे धंसक जाती है। अधिक गहराई में जाने से ये पिघलकर मैग्मा में बदल जाती हैं। इसी वजह से ज्वालामुखी आते हैं। मैग्मा यानी चट्टानों का लावा।
फोटो क्रेडिट-ANTARA/M Faisal Hanapi
इंडोनेशिया दक्षिण पूर्व एशिया का एक बड़ा देश है। करीब 17508 द्वीपों वाले इस देश की जनसंख्या 27.6 करोड़(2019 के अनुसार) है। यह दुनिया चौथा सबसे अधिक आबादी वाला और दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है।
फोटो क्रेडिट-SAR Hidayatullah | Anadolu
रिंग्स ऑफ फायर पर इंडोनेशिया के अलावा जापान, फिलीपीन्स, चिली, मैक्सिको, अलास्का और न्यूजीलैंड जैसे देश हैं। लेकिन इंडोनेशिया इसके बीच में बसा है। यही कारण है कि ज्वालामुखी, भूकंप और सुनामी में सबसे अधिक यहीं जानें जाती हैं।
फोटो क्रेडिट-REUTERS
अगर सिर्फ इंडोनेशिया के जावा द्वीप का ही उदाहरण लें ,तो अकेले यहां 22 एक्टिव ज्वालामुखी हैं। यहां की आबादी 12 करोड़ को पार कर चुकी है।
फोटो क्रेडिट-Reuters