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प्राइवेट पार्ट में दो ऊंगली डालकर रेप होने का पता करते हैं...उस लड़की की आपबीती जिसका two finger test हुआ
लाहौर. पाकिस्तान के एक अदालत में बलात्कार पीड़ितों का वर्जिनिटी टेस्ट कराने पर रोक लगा दी है। लाहौर कोर्ट की जज आयशा मलिक ने कहा कि ये टेस्ट अपमानजनक है और इनसे कोई फॉरेंसिक मदद नहीं मिलती है। यह परीक्षण अफगानिस्तान, भारत तथा बांग्लादेश में प्रतिबंधित है। ऐसे में बताते हैं कि आखिर पाकिस्तान में इस दो उंगलियों वाला टेस्ट/वर्जिनिटी टेस्ट/कौमार्य टेस्ट पर रोक क्यों लगानी पड़ी? आखिर कोर्ट ने क्या वजह बताई?
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सबसे पहले पाकिस्तान की एक लड़की की कहानी। साल 2007 में 16 साल शबाना (बदला हुआ नाम) का उसके ही पड़ोसी ने किडनैप कर दिया। 3 दिन बाद शबाना पड़ोसी के घर में मिली। शबाना का परिवार उसे पुलिस स्टेशन ले गया। रेप की पुष्टि के लिए एक महिला डॉक्टर शबाना का टेस्ट करने आईं। इस डॉक्टर ने शबाना के प्राइवेट पार्ट में दो उंगलियां डालीं और कह दिया कि वह वर्जिन नहीं है। उसके परिवार ने उसे ही दोष देना शुरू कर दिया। यह कहानी सिर्फ शबाना की नहीं बल्कि पाकिस्तान की उन तमाम लड़कियों की है जिन्हें रेप के बाद टू फिंगर टेस्ट से गुजरना पड़ता है।
टू फिंगर टेस्ट में डॉक्टर महिला की योनि में दो उंगलियां डालता है। ऐसा करने के पीछे मकसद होता है ये जानना कि वहां हायमन मौजूद है या नहीं। यानी एक तरह से ये जानने की कोशिश की जाती है कि महिला के पहले से शारीरिक संबंध थे या नहीं। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ये प्रक्रिया वैज्ञानिक नहीं है।
लाहौर कोर्ट के न्यायाधीशों ने कहा कि इस टेस्ट से पीड़ित महिला की व्यक्तिगत गरिमा को ठेस पहुंचती है। इसलिए यह टेस्ट जीवन के अधिकार और उसकी गरिमा के अधिकार के खिलाफ है।
भारत में साल 2013 में ही टू फिंगर टेस्ट पर रोक लग चुकी है। 2018 में बांग्लादेश में भी इस टेस्ट पर रोक लग गई।
पीड़ित महिलाओं कि बलात्कार के बाद टू फिंगर टेस्ट दूसरा ट्रॉमा जैसा होता है। इससे महिलाएं मनोवैज्ञानिक रुप से परेशान होती हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2002 में एक सामूहिक बलात्कार की शिकार महिला ने बताया, इस टेस्ट से महिलाएं कोर्ट में अपमानित होती हैं। मेरे साथ भी ये टेस्ट किया गया था। मैं उस अपमान का वर्णन नहीं कर सकती। यह एक दूसरे आघात की तरह लगता है।
उन्होंने बताया, पुलिस स्टेशन से अस्पताल तक हर कोई आपको घूरता है।
महिला के लिए खतरनाक जगहों में पाकिस्तान दुनिया में छठे स्थान पर है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यहां 2015 के बाद से 22,037 से अधिक बलात्कार के मामले सामने आए हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह एक छोटा हिस्सा है। देश में बड़ी संख्या में बलात्कार के मामले दर्ज नहीं किए जाते हैं। बलात्कार के मामलों में सजा की दर भी बहुत कम है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में 22,037 बलात्कार के मामलों में से 4,060 केस कोर्ट में में लंबित हैं, जबकि केवल 77 अपराधियों को दोषी ठहराया गया है। 9 सितंबर को दो लोगों ने एक महिला और उसके बच्चों को अपनी कार से खींच लिया। बच्चों के सामने उसके साथ बलात्कार किया। यह घटना पूर्वी शहर लाहौर के पास हुई। परिवार के एक सदस्य ने कहा कि पुलिस को मदद के लिए कॉल की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।