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कौन है मौलाना हिदायत उर रहमान जिसकी धमकियों से डर गया चीन, पाकिस्तान भी बेबस, अरबों के प्रोजेक्ट्स ठप
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चीन की मदद से पाकिस्तान में कई प्रोजेक्ट्स
बीआरआई यानी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत पाकिस्तान में चीन अरबों रुपये का प्रोजेक्ट्स का निर्माण कर रहा है। पाकिस्तान में कई एक्सप्रेस-वे, हवाई अड्डे और बंदहगाह बनाए जा रहे हैं। लेकिन बलूचिस्तान के ग्वादर में इन प्रोजेक्ट्स का विरोध हो रहा है। स्वात और शांगला जिले में कई प्रोजेक्ट्स पर भी ग्रहण लग चुका है।
कौन है मौलाना हिदायत उर रहमान?
मौलाना हिदायत उर रहमान, बलूचिस्तान का रहने वाला एक नेता है। वह हक दो आंदोलन चला रहा है। बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर के लोगों के हक और हकूक के लिए हिदायत उर रहमान, ग्वादर राइट्स मूवमेंट की अगुवाई कर रहा है। मौलाना के नेतृत्व में कई महीनों से ग्वादर बंदरगाह क्षेत्र में धरना चल रहा है। यह लोग चीन के प्रोजेक्ट्स का विरोध कर रहे हैं।
हक दो तहरीक की यह है मांग
मौलाना हिदायत उर रहमान के नेतृत्व में चल रहे हक दो तहरीक आंदोलन की मांग है कि ग्वादर क्षेत्र में बनाए गए सुरक्षा चेक-प्वाइंट्स की संख्या घटाई जाए, समुद्र में ट्रावलिंग से मछली न मारी जाए, ईरान के साथ सीमा पार व्यापार पर लगी रोक को हटाया जाए। इसके साथ साथ बीआरआई प्रोजेक्ट्स को बंद किया जाए।
मौलाना ने दी धमकी, काम छोड़कर भागे चीनी
ग्वादर में चीनी प्रोजेक्ट्स के खिलाफ मौलाना की अगुवाई में हक दो तहरीक का धरना चल रहा है। मौलाना हिदायत उर रहमान ने चेताया कि चीन बिना देर किए ग्वादर बंदरगाह क्षेत्र छोड़ दे। अगर सरकार उनके शांतिपूर्ण विरोध को 'अनदेखा' करती है, तो उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हथियार उठाने और उपयोग करने का अधिकार है। इसके बाद ग्वादर क्षेत्र में ग्वादर ईस्ट बे एक्सप्रेस-वे और ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण रूक गया।
विरोध के कारण चीनी इंजीनियरों ने स्वात में 84 मेगावॉट की हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट का काम भी रोक दिया। साथ ही शांगला के 11.8 मेगावाट की करोरा हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट पर भी काम बंद है। छह महीना से अधिक समय हो गया लेकिन काम ठप पड़ा हुआ है।
इंजीनियर्स डर के मारे शिफ्ट हुए इस्लामाबाद
उधर, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के अंतर्गत काम कर रहे इंजीनियर्स ने भी ग्वादर क्षेत्र धमकी के बाद छोड़ दिया। अब सभी इंजीनियर्स इस्लामाबाद शिफ्ट हो चुके हैं। हालांकि, ग्वादर क्षेत्र में करीब 500 के आसपास चीनी नागरिक हैं लेकिन यह सभी बंदरगाह कैंपस में ही रह रहे हैं। धमकी की वजह से इनका आवागमन बंद है।
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